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बरहन में पिता की चाची और उसका भाई ही निकला मासूम मुन्नू का हत्यारा, नींद की गोलियां ज्यादा दीं, नहीं आया होश

आगरा। बहरन क्षेत्र के गांव अमानाबाद (कनराऊ) निवासी पांच वर्षीय मुन्नू उर्फ मयंक के अपहरण और हत्या में रिश्तेदार महिला का हाथ निकला है। अपहरण फिरौती के लिए किया गया था। पानी में नींद की गोलियां देकर मासूम को बेहोश किया गया था। जब वह होश में नहीं आया तो अपहर्ता घबरा गया। मासूम को जिंदा ही सहपऊ रजवाहा में फेंक दिया था। सनसनीखेज वारदात को मासूम के पिता की रिश्ते की चाची और उसके भाई ने अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया है। उनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस बुधवार को इस सनसनीखेज वारदात में दोनों को जेल भेजेगी।

अमानाबाद (कनराऊ) निवासी मयंक शनिवार की शाम घर के बाहर से खेलते समय लापता हुआ था। सोमवार को उसका शव घर से करीब दो किलोमीटर दूर सहपऊ रजबाहा में मिला था। पोस्टमार्टम में मौत की वजह डूबना आई थी। परिजनों ने पड़ोस के एक युवक पर शक जताया था। वह रविवार से लापता था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस की छानबीन में कुछ और ही कहानी निकली। डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने बताया कि एसीपी एत्मादपुर पियूष कांत राय के नेतृत्व में टीमें बनाई गई थीं। पुलिस ने यह छानबीन भी शुरू की शनिवार को गांव में बाहर से कौन-कौन आया था। जानकारी करने पर पता चला कि मयंक के पिता संजय उर्फ गोविंदा शर्मा की रिश्ते की चाची कल्पना शर्मा पास में ही रहती हैं। उसका भाई ललित सहपऊ, हाथरस से आया था। पुलिस ने सर्विलांस के जरिए उसके बारे में छानबीन शुरू की। दूसरी तरफ पुलिस ने गांव से दूर सड़क पर सीसीटीवी खंगाले। एक युवक बोरा ले जाता दिखा। उसकी पहचान कल्पना शर्मा के भाई ललित के रूप में हुई। पुलिस ने उसे पकड़ा। उससे पूछताछ की गई कि बोरे में क्या लेकर गया था। जबकि आया खाली हाथ था। उसने शुरू में गुमराह किया। बताया कि छोटा वाला सिलेंडर लेकर गया था।

पुलिस ने कल्पना शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया। मासूम के परिजन उसके पक्ष में आ गए। कहने लगे कि पुलिस रिश्तेदार को ही परेशान कर रही है। पुलिस ने उन्हें शक की वजह बताई। पूछताछ हुई तो गुत्थी खुल गई। पिता की रिश्ते की चाची कल्पना शर्मा ने वारदात का ताना-बाना बुना था। यह पता चलने पर परिजनों के होश उड़ गए। पैरों तले जमीन सरक गई। ग्रामीण भी सन्न रह गए। जब रिश्तेदार महिला ऐसा करेगी तो पुलिस ऐसी वारदातों को कैसे रोक पाएगी। यह सवाल भी उठा।

अधिवक्ता की घोषणा
निशुल्क लड़ेंगे मुकदमाः मासूम मयंक की मां का रो-रो कर बुरा हाल है। पिता संजय उर्फ गोविंद भी पूरी तरह टूट चुके हैं। बाबा बहादुर सिंह के भी आंसू रुक नहीं रहे हैं। पुलिस के खुलासे के बाद आरोपियों के नाम सुनकर लोगों की व्यथा और अधिक बढ़ गई है। अधिवक्ता दीपक चौधरी ने अपना पत्र व वीडियो जारी कर घोषणा की है कि वह मासूम मयंक उर्फ मन्नू के मामले में मुकदमा निशुल्क लड़ेंगे। गुनहगारों को कठोर दंड दिलाएंगे।

ललित ने पुलिस को बताया कि उसे रुपये की जरूरत थी। अंदाजा था कि करीब 15 लाख रुपये फिरौती में मिल जाएंगे। आधे रुपये वह अपनी बहन को दे देता।
मासूम को दी थीं नींद की 10 गोलियां कल्पना शर्मा का पति शिक्षक है। सोनभद्र में तैनात है। उसे घटना की कानों कान खबर नहीं थी। वारदात की साजिश में भी शामिल नहीं था। मासूम मयंक महिला को दादी बोला करता था। घटना वाले दिन कल्पना ने मासूम को इशारे से घर बुलाया। गोद में बैठाकर उसे प्यार किया। पीने के लिए पानी दिया। पानी में उसने नींद की 10 गोलियां मिला दी थीं। पानी पीने के कुछ देर बाद मासूम गहरी नींद में सो गया। बेहोश हो गया। इसी दौरान महिला का भाई ललित गांव में आया। उसने बच्चे को बोरे में रखा। उसे गांव से बाहर लेकर गया। सीधे अपने घर पहुंचा। उसे लगा कि बच्चा होश में आ जाएगा। बच्चा जब होश में नहीं आया तो उसके हाथ पैर फूल गए। उसे लगा कि फंस जाएगा। वह बच्चे को लेकर सहपऊ के पास गया और उसे फेंककर घर लौट आया।

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