अटल जी की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण स्मरण
डॉ शैलबाला अग्रवाल
चेहरे पर मुस्कान मृदुल सी मन में दृढ़ विश्वास
लिख्खा तुमने नायक बन कर एक नया इतिहास
भारत माता की सेवा में अर्पित किया समस्त
सब हों मुक्त भूख और भय से कोई रहे न त्रस्त
राजनीति के कुशल खिलाड़ी कस कर रखी लगाम
गठबंधन की राजनीति में रख्खी हाथ कमान
जब नापाक पाक ने छेड़ा भारत में संग्राम
कारगिल में किया इरादों को उसके नाकाम
भाषण में प्रवीण इतने सब सुनकर होते मुग्ध ऐसी अविरल धार कि जैसे गंगाजल हो शुद्ध
तुम कवि थे कवियों के जैसी मन में भावुकता थी
लेकिन संकल्पों पे दृढ़ रहने की पूरी क्षमता थी
क्या अंतर पड़ता था अगर देह हुई जर्जर थी
कर्मवीर का नाम जगत में रहता सदा अमर है
पुण्य स्मरण करते हैं पुण्यतिथि पर हम
आज हमारी आंखें पल पल होती हैं नम