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राजस्थान में दलित बच्चे की मौत काँग्रेस के माथे पर कलंक" दलितों की सबसे बड़ी दुश्मन है काँग्रेस?

संजय सागर

आगरा। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गई। आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा, दलितों को आज़ भी पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही तो फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे हैं? भेद-भाव का यह कलंक जब तक इस देश के माथे पर रहेगा ये देश कभी आगे नही बढ़ सकता है। मासूम इंद्रकुमार का गुनाह सिर्फ़ इतना था की उसने ऊची जाति के मटके से पानी पी लिया, अशोक गहलोत जी आपके राज्य में ऐसी घटनाओं की बाढ़ आ गई है। एक दलित छात्र द्वारा टीचर के घड़े में से पानी पीने पर इतना ग़ुस्सा आया की उसकी हत्या कर दी। गहलोत के राज में एक वंचित वर्ग सुरक्षित नहीं है और जालौर की घटना प्रदेश के माथे पर कलंक हैं। जालौर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल में दलित बच्चे द्वारा मटके से पानी पी लेने पर विकृत मानसिकता के संचालक की मारपीट से बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। कोंग्रेस के राज में दलित सुरक्षित नहीं है। सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के हैवान अध्यापक ने एक छोटे बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी और यह सरकार संवेदनहीन हैं और अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है।

राजस्थान में दलित छात्र की मौत का मुद्दा धीरे धारे गर्म होता जा रहा है। दरअसल छात्र ने उच्च जातियों के लिए बने बर्तन से पानी पीने की कोशिश की थी। बहरहाल, दलित छात्र की मौत अब सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए राजनीतिक संकट में बदलती जा रही है। मासूम दलित छात्र की मौत पर कांग्रेस के नेता भी गहलोत सरकार की आलोचना से पीछे नहीं हट रहे। बारां-अटरू से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने 9 वर्षीय छात्र की मौत पर गहरा दुख जताते हुए मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने राज्य में जाति-संबंधी अपराधों को लेकर हल्ला बोलते हुए कहा कि पुलिस जल्दी से कार्रवाई नहीं करती है।

राजस्थान के जालौर ज़िले में नौ साल के एक दलित बच्चे की मौत के बाद परिवार वाले शव के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन के साथ मृतक छात्र के परिजनों का समझौता हो गया है। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए मुआवजे का प्रस्ताव सरकार को भेजे जाने पर सहमति के अलावा स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग पर भी प्रस्ताव भेजने को लेकर सहमति बन गई है। इसके बाद मृतक छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बच्चे का शव रविवार दोपहर को गांव में पहुंचा था।दरअसल, आरोप है कि दलित बच्चे की मौत एक निजी स्कूल के शिक्षक के पिटाई से हुई और शिक्षक ने मटके से पानी पीने के चलते बच्चे को पीटा था। स्कूल शिक्षक की कथित पिटाई के बाद परिवार वालों ने बच्चे का अलग-अलग अस्पताल में 23 दिनों तक इलाज कराया, जिसके बाद शनिवार यानी 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में बच्चे की मौत हुई।

जैसा कि आप जानते हैं कि जालौर विधानसभा की सायला तहसील के सुराणा गांव में सरस्वती विद्यालय है। इस निजी विद्यालय की तीसरी कक्षा में ही नौ साल का दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल पढ़ता था। विद्यालय के संचालक और शिक्षक छैलसिंह ने 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की पिटाई कर दी। लगभग 40 साल के छैलसिंह की पिटाई से 9 साल के इंद्र कुमार मेघवाल के कान और आंख में चोट आई।
परिवार वालों ने इस मामले में पुलिस को जो लिखित शिकायत दी है, उसके मुताबिक, "हमेशा की तरह ही 20 जुलाई को इंद्र कुमार मेघवाल स्कूल गया था। लगभग 11 बजे उसे प्यास लगी तो मटकी से पानी पी लिया। वह नादान था, उसे नहीं पता था कि मटकी सवर्ण जाति के अध्यापक छैलसिंह के लिए अलग से रखी हुई थी। छैलसिंह ने छात्र इंद्र कुमार मेघवाल से कहा, नीची जाति का होकर हमारी मटकी से पानी कैसे पिया और पीटा। जिससे उसके दाहिने कान और आंख पर अंदरूनी चोटें आईं।" इस पिटाई के बाद परिवार ने 23 दिन तक अलग-अलग जगह इंद्र कुमार को इलाज के लिए भर्ती करवाया, लेकिन आराम नहीं मिला। आख़िर में छात्र को गंभीर स्थिति में उदयपुर के अस्पताल से अहमदाबाद ले जाया गया। अहमदाबाद में दो दिन भर्ती रहने के बाद इलाज के दौरान इंद्र कुमार ने 13 अगस्त को दम तोड़ दिया। मृतक इंद्र कुमार तीन भाइयों में सबसे छोटा था। 13 अगस्त को दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत के बाद परिजनों ने सायला पुलिस थाने में शिक्षक छैलसिंह के ख़िलाफ़ शिकायत दी। मृतक छात्र के चाचा किशोर कुमार मेघवाल की लिखित शिकायत पर शिक्षक के ख़िलाफ़ गंभीर धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की गई है। मृतक दलित छात्र इंद्र कुमार के मामा मीठालाल मेघवाल ने फ़ोन पर बताया, "बच्चे ने बताया था कि पानी पीने के कारण छैलसिंह ने उसकी पिटाई की है। 13 अगस्त की देर शाम बच्चे के दो वीडियो भी सामने आए हैं। परिजन छात्र से बात करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह कुछ भी नहीं बोल पा रहा है। छात्र आंखें बद किए हुए दर्द से कराह रहा है। वीडियो छात्र को अस्पताल ले जाते हुए एंबुलेंस में परिजनों ने ही बनाया है।वीडियो में दिख रहा है कि छात्र की नाक पर ऑक्सीजन लगाया हुआ है। दाहिनी आंख सूज गई है। परिजन बार बार बात करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दर्द से कराहता नौ साल का छात्र कुछ भी नहीं बोल पा रहा है। एक अन्य वीडियो में परिजन छात्र से पूछ रहे हैं कि किसने पीटा, किसने थप्पड़ मारा। छात्र कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है। कई लोगों के नाम लेने पर जब लगातार छात्र से पूछने का प्रयास किया जाता है। परिजन पूछते हैं कि क्या छैलजी मास्टर साब ने थप्पड़ मारा, किसने मारा तो छात्र मामूली सी गर्दन हिला कर स्पष्ट प्रतिक्रिया देता है। परिजन जब पूछते हैं कि कहां मारा तो छात्र अचेत अवस्था में उंगलियों से कान के पीछे की ओर इशारा करता है। छात्र इंद्र कुमार मेघवाल के मामा मीठालाल मेघवाल ने एक चैनल से फ़ोन पर बातचीत में बताया कि, बच्चे के कान में दर्द हो रहा था. बच्चे को इलाज के लिए पहले बगोड़ा, भीनमाल, डीसा, मेहसाणा, उदयपुर और फिर अहमदाबाद ले कर गए जहां दो दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 13 अगस्त को सुबह बच्चे ने दम तोड़ दिया। 20 जुलाई की घटना के 23 दिन बाद सायला थाने में परिजनों की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज हुई। पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया है। परिजन शिक्षक छैलसिंह पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जालौर ज़िले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हर्ष वर्धन अग्रवाला ने अब तक हुई पुलिस कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा है, "अभियुक्त के ख़िलाफ़ सबसे गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर आरोपी शिक्षक छैलसिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया है।।एसपी ने बताया कि, "यह घटना बीस जुलाई की है और बच्चे की मौत 13 अगस्त को हुई है। हमारी जानकारी में यह मामला 11 अगस्त को आया। परिजनों ने शिकायत नहीं दी, सायला एसएचओ ने परिजनों ने संपर्क किया था, तब बच्चे के पिता अहमदाबाद अस्पताल में थे और उन्होंने कहा कि मैं आ कर शिकायत दूंगा। थाने के रोज़नामचे में भी दर्ज़ किया था।

राजस्थान के जालोर में मटके से पानी पीने पर एक दलित बच्चे की टीचर के पीटने से हुई मौत के बाद इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया है। घटना जालोर के सुराणा गांव की है जहां हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं। दलित बच्चे की टीचर के पिटाई करने के बाद हुई मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है। घटना जालोर के सुराणा गांव की है जहां हालात को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर दिया है। पुलिस ने भी इलाके में गश्त बढ़ा दी है। ये घटना 20 जुलाई को गांव के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की हैं। यहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के एक दलित बच्चे के मटका छूने पर स्कूल के संचालक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी थी. बच्चे को जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया गया। बच्चे ने जिस मटके से पानी पिया था, वो अध्यापक छैल सिंह के लिए अलग से रखा हुआ था। दलित बच्चे के इसे छूने से आगबबूला टीचर ने उसके साथ मारपीट की,इससे उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आई थीं। पुलिस इस मामले में टीचर को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ खिलाफ जातिसूचक शब्द से अपमानित करने और मारपीट के बाद छात्र की हत्या का मामला दर्ज किया है। दलित बच्चे की मौत के बाद रविवार को गांव में तनाव देखा गया. यहां शाम सवा चार बजे के आसपास दलित बच्चे के परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों की पुलिस के साथ झड़प हुई। फिर हालात ऐसे बने कि स्थानीय लोग, जिनमें ज्यादातर दलित समुदाय से हैं, उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने बवाल थामने के लिए लाठीचार्ज किया। इस पूरे प्रकरण में मृतक बच्चे के पिता देवाराम मेघवाल को चोटें आई हैं। जबकि दर्जनभर लोग घायल हुए हैं। वहीं पुलिस ने भीम आर्मी के कई लोगों को हिरासत में लिया है। दरअसल पुलिस मृतक बच्चे के परिवार को एक नोटिस देने यहां पहुंची थी, ताकि वो उन पर बच्चे के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव बना सके। लेकिन मामले में स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की,इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। छात्र की मौत के बाद से ही ज़िले का पुलिस प्रशासन अलर्ट है। इस घटना के विरोध में लोग आवाज़ उठा रहे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ज़िला प्रशासन ने 13 अगस्त रात आठ बजे से ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।

हालांकि, सामाजिक संगठन लगातार इस घटना का विरोध कर रहे हैं। राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। राजस्थान की कांग्रेस सरकार वहां ख़ासकर दलित, आदिवासियों व उपेक्षितों के जान व इज्जत आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है। राजस्थान में बीते साढ़े तीन साल में एक के बाद एक दलित उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं। जब सरकार कमजोर होती है और मुख्यमंत्री कमजोर होता है तो एसी घटनाओं में इज़ाफा होता है। सरकार से अपील कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मानवता के नाम पर कलंक, शिक्षक को कठोर से कठोर सजा दिलाई जाएगी। जालौर ज़िले की घटना के बाद बारां अटरू से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। एक मटके का पानी पीने से या एक घोड़ी पर चढ़ने से या मूँछ रखने से किसी समाज का मान सम्मान कम नहीं होता है। जिस तरह से दलित समाज के साथ अत्याचार किया जा रहा है, उन्हें मारा जा रहा है उसे देखते हुए मेरे मन में टीस आई है कि इस तरह के अत्याचारों को सहन नहीं किया जाएगा और जनक्रांति लाने के लिए कोई ना कोई कुर्बानी देनी पड़ेगी और इसलिए मैं अपने विधायक पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।

उच्च जातियों के लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन से पानी पीने के लिए हैवान शिक्षक ने नौ वर्षीय इंद्र की पिटाई की थी। पिटाई की वजह से इंद्र की आंख और कान पर चोट लग गई थी। यह हादसा 20 जुलाई को एक निजी स्कूल में हुआ था। इसके बाद उन्हें गुजरात के अहमदाबाद के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका पिछले सप्ताह निधन हो गया। पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या और भारत की अनुसूचित जातियों और जनजातियों की रक्षा करने वाले सख्त कानून के तहत आरोप लगाया है। मामले में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि इंद्र "भोले-भाले थे और उन्हें नहीं पता था कि उच्च जाति के हैवान शिक्षक के लिए बर्तन अलग रखा गया था। " प्राथमिकी में कहा गया है, "शिक्षक चैल सिंह ने लड़के से कहा, 'तुम निचली जाति से हो। तुमने मेरे घड़े का पानी पीने की हिम्मत कैसे की!' फिर उसकी जबरदस्त पिटाई की जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। बच्चे की मौत शर्मनाक है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राजस्थान में दलितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए गहलोत को कब सुझाव देंगे। उन्हें जालोर जैसी घटनाओं को खत्म करना होगा। उन्हें दलित समाज के लोगों को आश्वस्त करना होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।

अनुसूचित जाति के छोटे बच्चे की हत्या हुई है वो छोटी क्लास में पढ़ता था, लेकिन इनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी है। ये कह रहे है आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को गिरफ्तार होना ही था, सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया है। सरकार ने पीड़ित परिवार को कोई विशेष राहत नहीं दी। केवल पीड़ित परिवार को झुनझुना पकड़ा दिया। गरीब परिवार को जानकारी नहीं इसलिए बेवकूफ बना रहे हैं। अगर कोई बड़े आदमी का बेटा मरता है, या किसी हस्ती के साथ ये घटना होती तो शायद 25-50 लाख तक दे देते लेकिन वह गरीब का बेटा, अनुसूचित जाति का बेटा है। उसकी हत्या हुई है इसलिए सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया। क्योंकि कांग्रेस दलितों की दुश्मन है और दलितों की हत्या करवाने के बावजूद भी दलितों का मजाक बनाती है। देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है और दूसरी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के राज में दलित अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। 23 दिन तक पीड़ित परिवार प्रभावशाली लोगों के कारण मुकदमा तक दर्ज नहीं करवा सका। केवल मटकी से पानी पीने की इतनी बड़ी सजा घौर निंदनीय है। मासूम पर हैवानियत के बाद देशभर की जनता सकते में है। जिले में एक छात्र की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक हैवान स्कूल टीचर ने 9 साल के एक दलित बच्चे को मटके से पानी पीने पर जमकर पिटाई कर दी, जिसके बाद 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई। घटना के बाद दलित समाज के लोगों में काफी आक्रोश है और जालोर में तनाव के हालात को देखते हुए इलाके में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किया गया है। वहीं घटना के 25 दीन बाद मासूम बच्चे की जान लेने वाले हैवान टीचर छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। जहां पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और धारा 302 में मामला दर्ज किया गया है। दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत पर पूरे देश ने गहरा दुख जताया। केवल मटकी से पानी पीने की इतनी बड़ी सजा घौर निंदनीय है। मासूम पर हैवानियत के बाद देशभर की जनता सकते में है। कोंग्रेस के राज में दलित वर्ग सुरक्षित नहीं, जालौर की घटना राजस्थान के माथे पर कलंक हैं। काँग्रेस दलितों की सबसे बड़ी दुश्मन हैं। राजस्थान में दलित बच्चे की मौत पर सोनिया, राहुल, प्रियंका, ममता, अखिलेश और केजरीवाल चुप क्यों ?

आजादी के 75 वे वर्ष में हमें प्रण लेना चाहिए कि देश के सुनहरे भविष्य और अपने बच्चों की तरक्की के लिये ठाकुर साहब और पंडित जी राष्ट्रहित में जातिवाद के ज़हर से भरे मटके को हमें मिलकर तोड़ना होगा। यहीं देश पर न्यौछार हुये शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगीं। जय हिन्द।

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