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फैशन की दुनियां का कड़बा सच दर्शाती हैं फ़िल्म ग्रीड : सावन चौहान

संजय सागर

आगरा। इस फ़िल्म को Sony Pictures वालो ने बनाया है। एमेजॉन प्राइम में आप देख सकते है।  ये फैशन की दुनिया का वो कड़वा सच है, जिसे आप हम कम ही जानते है। इसे आप क्या कहेंगे ? लालच सिर्फ लालच और कुछ नही,इसी विषय पर ग्रिड फ़िल्म बनी है।

सुप्रशिद्ध समाजसेवक,फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सावन चौहान ने नेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बताया कि पूरी दुनिया में 80% गारमेंट वर्कर्स महिलाएं है। पूरी दुनिया के 10 में से 9 गारमेंट्स के मलिक अरबपति पुरूष है। महिला गारमेंट्स वर्कर्स की काम करने की अच्छी स्थिति विकासशील दुनिया मे सिर्फ श्रीलंका में है। सभी महिलाओं के लिए औसतन दैनिक वेतन 4 पाउंड ( यानी 392 रुपये रोजाना ) है जो हाई ब्रांड के कपड़ो की सिलती है। दुनिया के टॉप दस ब्रांडों का सालाना मुनाफा 18 बिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपयों में 1,34,87,27,400 होता है। बंगला देश मे टॉप के दस ब्रांडों के कपड़े सिलने पर रोजाना वहां की महिलाओं को सिर्फ 2.4 डॉलर यानी 179.83 पैसे मेहनताना मिलता है..और रोजाना 10 घण्टे की ड्यूटी है। दुनिया के टॉप दस फैशन ब्रांड्स की वैल्यू 150 बिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपयों में 11,23,93,95,000 है। म्यंमार में टॉप दुनिया के टॉप दस फैशन ब्रांड्स के कपड़े सिलने वाली महिला कर्मियो को सिर्फ 3.60 डॉलर यानी 269.75 रुपये मिलते है। दुनिया की टॉप सेलिब्रिटीज इन्ही दस टॉप के फैशन ब्रांड्स के कपड़े पहनते है। जो 200 रुपये से लेकर 390 रुपये तक की दिहाड़ी पर म्यंमार बंगला देश और श्री लंका की महिलाएं इनके कपड़े सिलती है। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 30 ट्रिलियन यानी करीब 30 लाख करोड़ डॉलर की संपति विभिन्न देशों में टैक्स के नाम से बचाये जाते है, मोनेको जैसे देशों में जो टैक्स सेविंग के लिए दुनिया मे आदर्श है। ये फैशन की दुनिया का वो कड़वा सच है, जिसे आप हम कम ही जानते है। इसे आप क्या कहेंगे ? लालच सिर्फ लालच और कुछ नही,इसी विषय पर ग्रिड फ़िल्म बनी है।

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