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New Parliament building: नए संसद भवन का मुख्य ढांचा तैयार, 'फिनिशिंग' का काम जारी, जानें- प्रोजेक्ट की अन्य खासियतें

New Parliament building नए परिसर में संविधान हाल सांसदों के लिए लाउंज एक पुस्तकालय कई समिति कक्ष भोजन क्षेत्र व पार्किंग स्थल होगा। यह अपनी तरह का एक खास भवन है। इसलिए वास्तुविदों द्वारा फिनिशिंग के काम को काफी सोच-विचार के बाद पूरा किया जा रहा है।

नई दिल्ली,एजेंसी। संसद के नए भवन का मुख्य ढांचा तैयार हो चुका है और अब आंतरिक स्तर पर फिनिशिंग के काम को पूरा किया जा रहा है। टाटा प्रोजेक्ट्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक विनायक पई ने रविवार को यह जानकारी दी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नए संसद भवन का निर्माण कर रही है जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हाल, सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है।

पई ने एक साक्षात्कार में बताया कि नए संसद भवन का मुख्य ढांचा पूरा हो चुका है। हम अब उस चरण में हैं जहां हम आंतरिक साजसज्जा या फिनिशिंग को पूरा कर रहे हैं। यह अपनी तरह का एक खास भवन है। इसलिए वास्तुविदों द्वारा फिनिशिंग के काम को काफी सोच-विचार के बाद पूरा किया जा रहा है।

सरकार का कहना है कि संसद का शीतकालीन सत्र नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहे नए भवन में होगा। टाटा प्रोजेक्ट्स उच्च मुद्रास्फीति दबाव की चुनौती का सामना कैसे कर रही है, इस सवाल पर पई ने कहा कि निश्चित रूप से ऐसी चुनौतियां हैं जिनका अधिकांश उद्योग सामना कर रहे हैं, क्योंकि वे काफी हद तक जिंसों पर निर्भर हैं।

 

उन्होंने कहा कि एक चीज जिस पर हमें लगातार ध्यान देना है वह है स्मार्ट खरीद। इसलिए हमारे द्वारा की जाने वाली थोक सामग्री की बहुत सारी खरीद के लिए हमारे पास दीर्घकालक अनुबंध है। उन्होंने कहा कि एक अन्य बात यह है कि हमारे काफी ऐसे अनुबंध अब परिपक्व हो गए हैं जिनमें मूल्य में उतार-चढ़ाव का प्रविधान है।

उन्होंने कहा कि इससे हमें संरक्षण मिला है। हालांकि, इससे जिंस कीमतों में वृद्धि का पूरा बोझ कम नहीं हुआ है, लेकिन हमें काफी समर्थन मिला है। पई ने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काफी अवसर हैं, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में। 'बुनियादी ढांचे के अलावा सतत् और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में हमें काफी अवसर दिख रहे हैं।

नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी होगा और इसमें लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी पर काम होगा।नए संसद भवन के लिए यह प्रोजेक्ट टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने तैयार किया है. HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने इस नए भवन का डिजाइन तैयार किया है। 

चार मंजिला नए संसद भवन में 6 प्रवेश द्वार

नया संसद भवन कुल 64,500 वर्ग मीटर एरिया में बन रहा है। यह इमारत 4 मंजिला होगी। नए संसद भवन को बनाने में कुल 971 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। नए संसद भवन में जाने के 6 रास्ते होंगे। एक एंट्रेंस पीएम और प्रेसिडेंट के लिए होगा। एक लोकसभा के स्पीकर, एक राज्य सभा के चेयरपरसन, सांसदों के प्रवेश के लिए 1 एंट्रेंस और 2 पब्लिक एंट्रेंस होगा।

लोकसभा चैंबर में एक साथ बैठ सकेंगे 1224 सदस्य

नए संसद भवन में कुल 120 आफिस होंगे। जिसमें कमिटी रूम, मिनिस्ट्री आफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स के आफिस, लोक सभा सेक्रेट्रिएट, राज्य सभा सेक्रेट्रिएट, पीएम आफिस आदि होंगे। इसमें सेंट्रल हाल नहीं होगा। लोकसभा चैंबर 3015 वर्ग मीटर एरिया में बना होगा। इसमें 543 सीट की जगह 888 सीट होगी। ज्वॉइंट सेयान के दौरान लोकसभा चैंबर में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे।

 

राज्यसभा में एक साथ बैठ सकेंगे 384 सदस्य

राज्य सभा कुल 3,220 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा। इसमें 245 की जगह 384 सीट होगी। नए भवन के आफिसों में पेपरलेस काम किया जाएगा। इसमें सांसदों के लिए लाइब्रेरी, लॉन्ज, डाइनिंग एरिया भी होगा। इसमें पार्किंग भी आधुनिक तकनीकी वाला होगा।

कॉस्टीट्यूशन हॉल औऱ ट्रांसलेशन सिस्टम

नई बिल्डिंग में एक बड़ा कॉस्टीट्यूशन हॉल होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत की झलक दिखाई देगी। यह नया भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा। भवन में फर्नीचर्स पर स्मार्ट डिस्प्ले होगा। वोटिंग में आसानी के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम होगा। नए संसद भवन में ट्रांसलेशन सिस्टम खास आकर्षण होगा, जिससे हर भाषा की स्पीच को हर सांसद समझ सके।

राज्यसभा में एक साथ बैठ सकेंगे 384 सदस्य

राज्य सभा कुल 3,220 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा। इसमें 245 की जगह 384 सीट होगी। नए भवन के आफिसों में पेपरलेस काम किया जाएगा। इसमें सांसदों के लिए लाइब्रेरी, लॉन्ज, डाइनिंग एरिया भी होगा। इसमें पार्किंग भी आधुनिक तकनीकी वाला होगा।

कॉस्टीट्यूशन हॉल औऱ ट्रांसलेशन सिस्टम

नई बिल्डिंग में एक बड़ा कॉस्टीट्यूशन हॉल होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत की झलक दिखाई देगी। यह नया भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा। भवन में फर्नीचर्स पर स्मार्ट डिस्प्ले होगा। वोटिंग में आसानी के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम होगा। नए संसद भवन में ट्रांसलेशन सिस्टम खास आकर्षण होगा, जिससे हर भाषा की स्पीच को हर सांसद समझ सके।

 

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