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गुमला की जिस छात्रा का ट्रैक्टर चलाने पर पूरे गांव के लोगों ने किया था बहिष्कार, वह बनी कृषि क्लस्टर हेड

Jharkhand News झारखंड के गुमला जिले में कुछ दिन पहले छात्रा मंजू उरांव के ट्रैक्टर चलाकर खेतों में हल जोतने पर पूरे गांव के लोगों ने बहिष्कार किया था और नाराजगी जताई थी। अब कृषि विभाग ने उसे क्लस्टर हेड बनाकर सम्मानित किया है।

गुमला, [संतोष कुमार]। Jharkhand News झारखंड के गुमला जिले के सिसई प्रखंड के डहुटोली में कुछ दिन पहले छात्रा मंजू उरांव के ट्रैक्टर चलाकर खेतों में हल जोतने पर पूरे गांव के लोगों ने नाराजगी जताई थी। ग्रामीणों ने लड़की द्वारा हल जोतने से अनहोनी की आशंका जताते हुए उसे जुर्माना चुकाने और गांव से बाहर निकल जाने का भी फरमान सुनाया था। इन सबके बावजूद छात्रा विचलित नहीं हुई और उसने गांववालों का विरोध झेलने के बावजूद ट्रैक्टर चलाकर अपने खेतों में उन्नत तरीके से खेती शुरू की। छात्रा की हिम्मत की हर ओर सराहना हो रही है।

अब कृषि विभाग ने उसे क्लस्टर हेड बनाकर सम्मानित किया है। साथ ही उस गांव को एक्सीलेंस क्लस्टर सेंटर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। जिस मंजू के ट्रैक्टर चलाने को लेकर गांववाले अनहोनी की आशंका से डर गए थे। अब उसी की वजह से गांव में खुशहाली आ रही है।

परिणाम इतना सुनहरा होगा, नहीं की थी कल्पना

इस फैसले से खुश मंजू ने बताया कि उसे बहुत प्रसन्नता हो रही है। उसने कल्पना भी नहीं की थी कि जो काम मैं करने जा रही हूं, आने वाले दिनों में उसका परिणाम इतना सुनहरा होगा। कृषि विभाग की घोषणा के अनुसार गांव में 25 एकड़ भूमि पर आधुनिक तरीके से खेती कराई जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा पानी, नर्सरी, शाटिंग ग्रेडिंग, पाली हाउस और उन्नत खाद-बीज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कृषि विशेषज्ञ इसकी निगरानी करेंगे। किसानों को अच्छी खेती करने की जानकारी भी दी जाएगी।

स्नातक प्रथम वर्ष की है छात्रा, 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर हाईटेक तरीके से खेती कर रही है मंजू उरांव

20 वर्षीय मंजू उरांव कार्तिक उरांव कालेज गुमला में स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा है। वह 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर हाईटेक तरीके से खेती कर रही है। तीन अगस्त को खेत की जुताई के लिए वह ट्रैक्टर लेकर निकली थी। अंधविश्वास में ग्रामीणों ने विरोध करते हुए कहा था कि महिलाएं हल चलाएंगी तो गांव में अकाल, महामारी या कोई बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। ग्रामीणों ने साफ कह दिया था कि दोबारा हल चलाने पर उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया जाएगा, लेकिन मंजू ने इसे थोथी बकवास बताया और मना करने के बाद भी ट्रैक्टर चलाया।

मंजू की प्रगतिशील सोच और आधुनिक तकनीक से खेती के प्रति इच्छाशक्ति को देख कृषि विभाग ने उसे क्लस्टर हेड बनाकर गांव को एक्सीलेंस सेंटर के रूप में विकसित करने की घोषणा की। सोमवार को मंजू उरांव जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा के कार्यालय कक्ष पहुंची और गांव में चलाई जानेवाली योजनाओं पर बात की। कृषि पदाधिकारी ने उसे कृषि संबंधी सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराईं।

मंजू ने बताया कि वह चाहती है कि गांव के लेाग खेती-किसानी से जुड़कर इसका भरपूर लाभ उठाएं। इससे गांवों से पलायन रुकेगा। साथ ही मानव तस्करी पर भी रोक लगेगी। उसे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उसका गांव कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा और लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उधर मंजू के कार्य का विरोध करने वाले ग्रामीणों ने अपनी गलती स्वीकरते हुए कहा कि मंजू का कार्य सराहनीय है। उसके इस प्रयास के कारण ही आज गांव में अधिकारी पहुंच रहे हैं और विकास की योजनाएं बन रही हैं।

 

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