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Agra: पुलिस के हत्थे चढ़ा क्रिकेट सट्टे का बड़ा बुकी अंकुश मंगल, गिरफ्तारी के बाद सटोरियों में हड़कंप

आगरा पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज लिखने के अगले ही दिन सट्टेबाजी अंकुश को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की जा रही है। अंकुश की गिरफ्तारी के बाद कई सटोरिये भूमिगत हो गए हैं।

आगरा पुलिस ने एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई से सटोरियों और बुकी में हड़कंप मचा हुआ है जो क्रिकेट मैच का सट्टा लगाते हैं। पुलिस ने आगरा के सबसे बड़े क्रिकेट सट्टेबाज बुकी अंकुश मंगल को गिरफ्तार किया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से अन्य सट्टेबाज और बुकी की भूमिगत हो गए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अंकुश दूसरे प्रदेश में छिपा था। एसपी सिटी विकास कुमार ने निर्देशन में पुलिस टीम उसे पकड़कर ले आई। इस कार्रवाई के बाद सटोरियों में हड़कंप मच गया है।

आगरा एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि थाना न्यू आगरा में अंकुश मंगल और उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी विकास कुमार और एएसपी सत्य नारायण को जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अपनी विशेष टीम बनाकर आरोपी को पकड़ने का टास्क दिया। गोपनीय तरीके से पुलिस ने कार्रवाई की।

थाना पुलिस को भी नहीं लगी भनक

एसपी सिटी के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई को बड़ा ही गुप्त रखा गया था। थाना पुलिस को भी इस कार्रवाई की सूचना नहीं दी गई थी। इसके बाद ही वह हत्थे चढ़ सका। उससे पूछताछ की जा रही है। उसके सदस्यों को भी पुलिस गिरफ्तार करेगी। इसके बाद संपत्ति को चिह्नित किया जाएगा। जो भी अपराध से अर्जित होगी, उसे कुर्क कर दिया जाएगा।

दिल्ली में बना लिया था ठिकाना

पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अंकुश मंगल मूलरूप से जगनेर का रहने वाला है। उसने कई साल पहले कमला नगर की ब्रजधाम कालोनी में घर खरीद लिया था। उसने शुरुआत जुआ कराने से की थी। इसके बाद वो क्रिकेट सट्टे की बुक चलाने लगा। अंकुश मंगल पर मुकदमे तो दर्ज किए गए, लेकिन गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। पुलिस की दबिश देने से पहले ही वो भाग निकलता था। इसके पीछे पुलिस की दबिश की सूचना लीक होना था। उसके गुर्गे दूसरे जनपदों में सक्रिय हैं। वह बुक चलाते थे। चर्चा यह भी है कि उसका खुद का बैटिंग एक्सचेंज है। हालांकि पुलिस अभी जांच में लगी है।

चार साल पहले छोड़ा था आगरा

चार साल पहले अंकुश आगरा से चला गया था। वह कैंसर से पीड़ित अपनी पत्नी के इलाज के लिए दिल्ली चला गया। वहीं एक फ्लैट भी खरीद लिया। दिल्ली से ही अपना नेटवर्क चला रहा था। गुपचुप तरीके से आगरा आता था। अपने गुर्गों से मिलकर जाता था। हाल ही में कानपुर पुलिस ने करोड़ों का सट्टा पकड़ा था। इसमें उसका भी नाम सामने आया था। तब से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगी थी।

अंकुश के साथ और भी आरोपी

थाना न्यू आगरा में प्रभारी निरीक्षक विजय विक्रम सिंह ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया। इसमें अंकुश अग्रवाल उर्फ अंकुश मंगल के अलावा उसके साथी जगनेर निवासी राजू उर्फ राजेंद्र मंगल, सुभाष नगर निवासी सौरभ अग्रवाल, सिकंदरा स्थित सिल्वर एस्टेट निवासी तरुण खन्ना, सीताराम कालोनी निवासी अंशुल अग्रवाल, जीवनी मंडी स्थित मयूर अपार्टमेंट निवासी संजय कुमार और कर्मयोगी एन्क्लेव निवासी आशीष उर्फ आशू सिंघल को नामजद किया है। मुकदमे में लिखा है कि आरोपियों का संगठित गिरोह है। वह समाज विरोधी क्रियाकलाप में शामिल रहते हैं, जिससे जनता में भय और आतंक व्याप्त है।

भूमिगत हुए सटोरिये

पुलिस की अंकुश पर कार्रवाई के बाद शहर के सटोरिये भूमिगत हो गए हैं। चर्चा है कि उन्होंने अपने मोबाइल नंबर बंद कर लिए है। घरों से फरार हो गए हैं। अंकुश के साथी भी भूमिगत हो गए हैं। हालांकि इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगी है।

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