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हताशा व निराशा में कोई भी गलत कदम न उठायें : डॉ ग्यानेंद्र वर्मा

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर विशेष

आगरा। बी.टेक करने के बाद राजू (बदला हुआ नाम) की जॉब न लगने से वो सुस्त रहने लगा, किसी काम में मन नहीं लगना, घबराहट होना जैसे लक्षण होने लगे। जब उन्होंने यह बात अपने परिवार के सदस्यों को बताई तो वह उसे समझ नहीं पाए। समस्या बने रहने पर परिवार के सदस्य राजू को लेकर मानसिक चिकित्सालय आगरा लेकर गए, वहां पर मनोचिकित्सक को दिखाया और मनोवैज्ञानिक से लगातार काउंसलिंग के सेशन लिए। लगातार उपचार कराने के बाद अब राजू पूरी तरह ठीक हैं, अब उसके मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं।

इसी प्रकार से कोविड काल में 15 वर्षीय राहुल (बदला हुआ नाम) ने अपने पैरेंट्स को खो दिया। वह अकेला हो गया, उसकी बहन बंगलुरू में रह रही थीं। राहुलअचानक जीवन खत्म करने के विचार आने लगे। उसने जिला प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। कॉल जिला अस्पताल की नैदानिक मनोवैज्ञानिक ममता यादव ने रिसीव किया। ममता ने उन्हें समझाया। इसके बाद वह लगातार फोन पर राहुल काउंसलिंग करने लगी। अब राहुल पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपनी आगे की पढ़ाई कर रहा है।

सही समय पर सही कदम उठाने पर आत्महत्या की प्रवृति को रोका जा सकता है। इसके बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 सितंबर को आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम ‘क्रिएट होप थ्रू एक्शन’ यानि लोगों में अपने काम के जरिए उम्मीद पैदा करना, रखी गई है।

जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक ग्यानेंद्र वर्मा ने बताया कि आत्महत्या के विचार लंबे समय तक अवसाद में रहने के कारण आते हैं। इनकी सही समय पर पहचान कर उपचार करके इस प्रवृति को दूर किया जा सकता है।

जिला अस्पताल के साइकाट्रिक नर्स सयूज कुमार ने बताया कि यदि किसी को काम में मन न लगना, लगातार तनाव रहना, अकेले रहना, जीवन समाप्त करने के विचार आना जैसी समस्या आएं तो जिला अस्पताल के कमरा नंबर 202 और 203 में परामर्श ले सकते हैं।

जिला अस्पताल की नैदानिक मनोवैज्ञानिक ममता यादव ने बताया कि लोगों को आत्महत्या प्रवृति और मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुक होने की आवश्यकता है। यदि आपके आस-पास कोई आम से भिन्न व्यवहार करने लगे, जैसे- सामाजिक जीवन से कटना, सोशल मीडिया से अचानक दूर होना, लगातार अकेले रहना तो सचेत हो जाएं और उससे बात करने का प्रयास करें। उन्हें सुनें और अपने आसपास के नैदानिक मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक को दिखाएं।

मानसिक चिकित्सालय आगरा के नैदानिक मनोवैज्ञानिक हिमांशु त्रिपाठी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से हीन भावना से ग्रस्त है अथवा आत्महत्या करने की सोच रहा है तो वह एक मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है, उचित परामर्श और चिकित्सा पद्धति के माध्यम से इसका उपचार किया जा सकता है।

इन लक्षणों का तीन माह से लगातार बने रहने पर मनोवैज्ञानिक से करें संपर्क

-    घबराहट होना

-    किसी काम में मन न लगना

-    अकेले रहना

-    किसी से मिलने का मन न करना

-    मन उदास रहना

-    सब कुछ खत्म हो गया जैसे विचार आना

इन हेल्पलाइन नंबरों पर कर सकते हैं संपर्क

-1075

-    निमहंस (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस) के टोल फ्री नम्बर – 080-46110007 पर कॉल कर परामर्श ले सकते हैं।

-    किरन  हेल्पलाइन न. - 1800-500-0019

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