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जगद्गुरू शंकराचार्य जी को आगरा से था विशेष लगाव

डॉ दीपिका उपाध्याय

आगरा। महर्षि अंगिरा, परशुराम एवं जमदग्नि की नगरी आगरा से जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को विशेष लगाव था। सन 2016 में अपने शिष्य उपाध्याय परिवार के निमंत्रण पर आगरा आए थे। वर्षों से महाराजश्री का नियम था कि वे बद्रीनाथ धाम पर ही निर्जला एकादशी का व्रत करते थे। इसी क्रम में परमहंसी गंगा आश्रम से ग्वालियर होकर दिल्ली जाते समय जून 2016 में वे आगरा आए। आगरा वासियों के प्रेम तथा आग्रह से अभिभूत होकर वे न केवल आगरा बार-बार आए बल्कि 2016 में उन्होंने रात्रि प्रवास भी किया। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से बात की, भक्तों को दर्शन दिए तथा उत्तर प्रदेश की तत्कालीन राजनीति पर खुलकर बोले। धर्म को भ्रष्ट करने वाले तथाकथित गुरुओं पर वे जमकर बरसे।अगले दिन दोपहर 3:00 बजे जब वे डा. दीपिका उपाध्याय के पुष्पांजलि बाग स्थित आवास से दिल्ली के लिए रवाना हुए तब हर भक्त के नेत्रों में आंसू थे।

 अगली बार वे मई 2017 में आगरा आए। तब डॉक्टर दीपिका उपाध्याय के श्वसुर श्री गोपाल दास शर्मा जी का निधन हो चुका था। सूचना मिलते ही उन्होंने फोन पर उपाध्याय परिवार को सांत्वना दी तथा शीघ्र ही आने का वचन दिया। दिल्ली से ग्वालियर जाते हुए दीपिका उपाध्याय के निवास पर एक घंटा रुक कर उन्होंने परिजनों को सांत्वना व्यक्त की तथा उपाध्याय परिवार को ढांढस बंधाया। उपाध्याय परिवार ने रूंधे गले से बताया कि जब वे शोक व्यक्त करने आगरा आए थे तो उन्होंने निर्देश दिया था कि वह सिर्फ परिवार के लोगों से मिलेंगे। अन्य किसी प्रकार की सभा या दर्शन नहीं देंगे। यह उनकी भक्त वत्सलता तथा संवेदनशीलता का उदाहरण था।

तीसरी बार वे दिसंबर 2017 में आगरा आए। इस बार आगरा वासियों ने उनका अत्यंत भव्य स्वागत किया। अपने लगभग 2 घंटे के प्रवास में उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर काफी खुलकर बात की, भक्तों को दर्शन दिए, पादुका पूजन करवाया, फलाहार किया तथा दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

 चौथी बार वे अप्रैल 2018 के प्रथम सप्ताह में आगरा आए तब उन्होंने डॉक्टर दीपिका उपाध्याय से कहा कि वृंदावन में चातुर्मास व्रत करेंगे। आगरा में चातुर्मास व्रत करने के आग्रह पर भी हंसकर बोले 'फिर कभी', अब यह 'फिर' कभी नहीं आएगा। चौथी बार भी रात्रि प्रवास करने की इच्छा रखते थे किंतु परिस्थितिवश उन्हें ग्वालियर जाना पड़ा। जाते-जाते यह कह कर गए थे कि अगली बार वे परमहंसी गंगा आश्रम से ही कम से कम दो-तीन दिन का कार्यक्रम बनाकर आगरा आएंगे। आगरा वासियों की कम समय देने की शिकायत को दूर करेंगे किंतु दुर्भाग्यवश वह कार्यक्रम कभी ना बन पाएगा। 2018 में वृंदावन चातुर्मास समाप्त कर महाराजश्री वापस जा रहे थे, तब स्वास्थ्य कारणों से आगरा ना आ सके लेकिन आगरा वासियों को आशीर्वाद देने के लिए उन्होंने अपने दंडी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को आगरा भेजा और परम धर्म संसद 1008 का गठन करने की घोषणा आगरा की भूमि से ही करवाई। यही नहीं उन्होंने आगरा वासी डा. दीपिका उपाध्याय को देश का प्रथम धर्मांसद घोषित करवाया। बताते चलें कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 2018 में डा. दीपिका उपाध्याय को अपना प्रतिनिधि भी घोषित किया था। आगरा का पेठा उन्हें विशेष प्रिय था।

आगरा वासियों की जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।

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