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जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने ली भू समाधि, देश को मिले दो नवीन शंकराचार्य

डॉ दीपिका उपाध्याय

नई दिल्ली। अनंत श्री विभूषित धर्म सम्राट जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने के बाद समस्त सनातन धर्मियों को यह प्रश्न मथे जा रहा था कि अब दोनों पीठों पर अगले शंकराचार्य कौन होंगे? धर्म सम्राट द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को सोमवार को समाधि देने से पूर्व नए शंकराचार्य की घोषणा होना अनिवार्य था क्योंकि शंकराचार्य पीठ रिक्त नहीं छोड़ी जा सकती। धर्म सम्राट स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को समाधि देने से पूर्व उनके निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी ने परमहंसी गंगा आश्रम, मध्य प्रदेश में दोपहर लगभग 2:30 बजे नव शंकराचार्य के नाम की घोषणा की। 

धर्म सम्राट जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी की इच्छानुसार उनके दंडी शिष्य स्वामी सदानंद सरस्वती को पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठ का शंकराचार्य घोषित किया गया। धर्म सम्राट स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के आदेशानुसार पिछले कई वर्षों से द्वारकशारदामठ के प्रभारी थे। अपने धीर गंभीर एवं मितभाषी स्वभाव के कारण स्वामी सदानंद अपने गुरुदेव को विशेष प्रिय थे।

काशी के जुझारू संत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ का शंकराचार्य का कार्यभार सौंपा गया है। 

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद गंगा की अविरल धारा, आंदोलन भगवती पूर्णाम्बा ज्योतिर्मठ के पट खुलवाने को लेकर किए गए आंदोलन और काशी में किए गए तमाम आंदोलनों और अनशन के चलते चर्चा में रहे हैं। विगत जून माह में भी 108 घंटे तक अन्न जल त्याग कर किया गया उनका अनशन पूरे देश को याद है। धर्म सम्राट स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी ने सन 2020 में ज्योतिष पीठ के संचालन का प्रभार स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को सौंप दिया था।

 कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे धर्म सम्राट जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का संपूर्ण दायित्व उनके ये दोनों दंडी शिष्य ही संभाल रहे थे।

 आगरा वासियों के लिए परम सौभाग्य का विषय है कि धर्म सम्राट स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के साथ साथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी आगरा पधार चुके हैं। अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश पर उन्होंने आगरा के दयालबाग क्षेत्र से ही परम धर्म संसद 1008 के गठन की सूचना मीडिया के माध्यम से संपूर्ण देश को दी थी तथा साथ ही आगरा वासी डॉक्टर दीपिका उपाध्याय को आगरा की धर्मांसद भी घोषित किया था। वे जब भी आगरा से होकर गुजरते हैं आगरा वासियों को दर्शन लाभ से वंचित नहीं करते। सन 2020 तथा मार्च 2022 में भी वे आगरावासियों के भावपूर्ण स्वागत सत्कार से प्रसन्न हुए थे। द्वारका पीठ के नव शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का यद्यपि अभी तक का आगरा आगमन नहीं हुआ है किंतु वे आगरा वासियों के संपर्क में है तथा उन्होंने आगरा अवश्य आने की बात कही है। उनके निर्देश पर आगरा की लेखिका डॉक्टर दीपिका उपाध्याय ने 'आद्य शंकर संंन्यास दीक्षा स्थली' नामक पुस्तक लिखी थी जिसका विमोचन गत माह परमहंसी गंगा आश्रम, मध्य प्रदेश में दोनों नव शंकराचार्य ने किया था। यह आगरा वासियों का सौभाग्य है कि उन्हें पूर्व शंकराचार्य धर्म सम्राट स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के साथ-साथ नव शंकराचार्य के भी दर्शन का सौभाग्य मिला है तथा आगे भी यह दर्शन प्राप्त होने की आशा है। सनातन धर्म के महान सूर्य रूपी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन होने के बाद अब दोनों शंकराचार्यों से सनातन धर्मियों को बड़ी आशाएं हैं।

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