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SCO-2022 में पीएम मोदी से न मिलकर अपने ही पांव पर कुल्‍हाड़ी मार रहे हैं पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज शरीफ

SCO-2022 शंघाई सहयोग संगठन के सम्‍मेलन में भाग लेने गए पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज शरीफ भारत के पीएम नरेन्‍द्र मोदी से नहीं मिल रहे हैं। ऐसा करके वो खुद अपने ही पांव पर कुल्‍हाड़ी मारने का काम कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्‍तान में आई भीषण बाढ़ से जहां देश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है वहीं सत्‍ता के शीर्ष पर बैठे लोगों की नाक को अपनी नाक नीची न हो जाए इसका ही डर सता रहा है। ये बात पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज शरीफ पर एकदम सही साबित हो रही है। दरअसल, पाकिस्‍तान में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर सरकार लगातार विश्‍व से मदद की गुहार लगा रही है। यूएन के प्रमुख एंटोनिया गुतेरस ने भी पाकिस्‍तान की मदद के लिए विश्‍व के देशों को आगे आकर मदद करने की अपील की है।

कपड़ा उद्योग को नुकसान की चिंता 

पाकिस्‍तान का कपड़ा उद्योग लगातार नुकसान की आशंका जताते हुए पाकिस्‍तान की सरकार से भारत से बात करने और व्‍यापार को चालू करने की अपील कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ पीएम शहबाज शरीफ इसको लेकर संजीदा दिखाई नहीं दे रहे हैं। उन्‍होंने एक बार भी इसके लिए भारत की तरफ कदम नहीं बढ़ाया है। इतना ही नहीं, शंघाई सहयोग संगठन के सम्‍मेलन के दौरान भी उन्‍होंने पीएम नरेन्‍द्र मोदी से कोई मुलाकात न करने की बात कहकर अपने ही पांवों पर कुल्‍हाड़ी मारने का काम किया है।

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पीएम मोदी-राष्‍ट्रपति पुतिन की मुलाकात 

बता दें कि पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने आज इस सम्‍मेलन से इतर रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात की है। इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। पाकिस्‍तान की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ कमर आगा का साफ कहना है कि इससे भारत को तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन पाकिस्‍तान को जरूर नुकसान उठाना होगा। विश्‍व स्‍तर के ऐसे मंच पर जहां पाकिस्‍तान आपसी संबंधों को सुधारने के लिए अपने कदम आगे बढ़ा सकता था वहां पर वो चूक गया है।

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पीएम मोदी को छोड़ हर नेता से मिल रहे शहबाज

यदि पीएम शहबाज शरीफ यहां पर पीएम मोदी से मुलाकात को आगे आते तो भारत भी उनकी पूरी मदद करने के लिए आगे कदम बढ़ाता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। शहबाज शरीफ भारत को छोड़कर इस सम्‍मेलन में आए हर नेता से मुलाकात कर रहे हैं और अपना दुखड़ा रो कर मदद भी मांग रहे हैं। पाकिस्‍तान की सियासत हमेशा से ही भारत विरोधी रही है। पाकिस्‍तान की एक बड़ी सच्‍चाई भी यही है। नवाज शरीफ के पिछले कार्यकाल में इस तरह की चीजें कम हो गई थीं, जिसका खामियाजा उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा।

 

अलग थी नवाज की डिप्‍लोमेसी 

अफगानिस्‍तान के दौरे पर जब पीएम मोदी गए थे, तब बीच में वो नवाज शरीफ की एक काल पर उनकी नवासी की शादी में शिरकत करने पहुंच गए थे। ये न केवल उनकी डिप्‍लोमेसी को बताता है, बल्कि ये भी दर्शाता है कि संबंधों में इतनी लचक जरूर होनी चाहिए कि वो झुकने को तैयार रहे। शहबाज में इसकी कमी दिखाई दे रही है। एससीओ की बैठक में शहबाज का पीएम मोदी से मिलने के लिए इनकार करना इस बात का स्‍पष्‍ट संकेत है कि वो भारत से संबंधों को सुधारने का पक्षधर नहीं है।

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पाकिस्‍तान को चीन पर भरोसा 

बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान अरबों डालर का नुकसान झेल रहे पाकिस्‍तान को चीन पर भरोसा है। वहीं चीन पाकिस्‍तान को किसी दीमक की ही तरह चट करता जा रहा है। इसका कोई भी मौका चीन गंवाना नहीं चाहता है। चीन और पहले से ही बदहाल हो चुके अफगानिस्‍तान से पाकिस्‍तान प्‍याज और टमाटर समेत दूसरी चीजों की खरीद कर रहा है।

दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान के गिड़गिड़ाने के बाद ही यूएन ने विश्‍व समुदाय से मदद की अपील की है। ये सभी कुछ ऐसे मौके पर हो रहा है जब पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए पाकिस्‍तान में आई बाढ़ और इससे होने वाले जान-माल के नुकसान पर अपनी संवेदना व्‍यक्‍त की थी। भारत की तरफ से यहां तक साफ किया गया है कि यदि पाकिस्‍तान सीधेतौर पर उससे कोई बात करेगा तो उस पर विचार जरूर किया जाएगा।  

 

 

 

 

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