नेत्रदान और शरीरदान कर मिसाल बने आगरा के समाजसेवी पुष्पेंद्र कुशवाहा
आगरा
आगरा। हमारे सभी धर्मों में दया, परोपकार, जैसी मानवीय भावनाएँ सिखाई जाती हैं ।यदि हम अपने नेत्रदान करके मरणोपरांत किसी की निष्काम सहायता कर सकें तो हम अपने धर्म का पालन करेंगे , और क्योकि इसमें कोई भी स्वार्थ नहीं है इसलिये यह महादान माना जाता है।
पुष्पेंद्र कुशवाहा नगलाधनी विजय नगर के रहने वाले हैं इनकी उम्र सिर्फ 24 साल की है इन्होने 20 साल की उम्र में ही अपनी आंखें दान कर दी थीं और साल 2022 में अपना शरीरदान कर दिया था। पुष्पेंद्र ने बताया नेत्रदान,शरीरदान दोनों की मृत्यु के बाद किया जाता है, लेकिन ऐसा करने से एक व्यक्ति एक से अधिक जीवन बचा सकता है। उन्होंने नेत्रदान और शरीरदान के लिए लोगों से भी अपील की