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दिवाली से पहले महंगाई का तगड़ा झटका, गैस की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी; CNG और PNG के दाम बढ़ने की आशंका

प्राकृतिक गैस की कीमतों में रिकॉर्ड 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इससे बिजली उत्पादन उर्वरक बनाने और वाहनों के संचालन में इस्तेमाल की जाने वाली गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंकाएं जताई जा रही है।

अक्टूबर के महीना शुरू होते ही महंगाई का बड़ा झटका लगा है। प्राकृतिक गैस की कीमतों में रिकॉर्ड 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इससे बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने और वाहनों के संचालन में इस्तेमाल की जाने वाली गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंकाएं जताई जा रही है।

सरकार हर छह महीने में तय करती है कीमतें

तेल मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की गई दर को मौजूदा 6.1 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दिया गया है। इसके साथ ही, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके सहयोगी बीपी पीएलसी ने गैस की कीमत 9.92 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 12.6 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी हैं। सरकार हर छह महीने में गैस की कीमत तय करती है।

कच्चे माल के तौर पर होता है प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल

गौरतलब है कि प्राकृतिक गैस उर्वरक बनाने के साथ ही बिजली उत्पादन के लिए भी एक प्रमुख स्त्रोत माल है। इसे सीएनजी का भी उत्पादन किया जाता है, साथ ही पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी के दामों में बढ़ोतरी की आशंका है। साथ ही बता दें, प्राकृतिक गैस की कीमते बढ़ने से बिजली उत्पादन की लागत में भी बढ़ोतरी होगी। लेकिन इसका उपभोक्ताओं पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि गैस से पैदा होने वाली बिजली का हिस्सा बहुत कम है।                                                                                                                                       

 

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