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जीवन की इन 3 परेशानियों को दूर करने की रात है शरद पूर्णिमा, करें ये उपाय

शारीरिक परेशानी विवाह में देरी आर्थिक लाभ के लिए शरद पूर्णिमा पर विशेष पूजन का महत्व है। नौ अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा का त्योहार। इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की प्रथा। चंद्रमा की किरणाें में इस दिन होता है अमृतत्व का वास।

 रविवार को अश्विन माह का अंतिम दिन यानी शरद पूर्णिमा Sharad Purnima 2022 है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन से शरद ऋतु का प्रारंभ होता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अमृत बरसाता है। आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात सनातन धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है।

शास्त्रों के अनुसार इस रात्रि को चंद्रमा की रोशनी में चावल व केसर युक्त खीर रखने से वह अमृत्तुल्य हो जाती है। लगभग चार घंटे तक चंद्रमा की रोशनी में चांदी के पात्र में खीर रखें तथा उसको श्वेत मलमल के कपड़े से ढक दें। इस खीर के सेवन व प्रसाद रूप में वितरण करने से अशांत मन को शांति की अनुभूति होती है।

शारीरिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण शरद पूर्णिमा

व्यक्ति का चंद्रमा शुद्ध होता है। अवसाद के रोगियों के लिए यह खीर मानसिक ऊर्जा प्रदान करती है। सर्दी जुखाम, गुप्त रोग, अस्थमा के रोगियों को इस खीर के सेवन से चमत्कारिक लाभ मिलता है। जो बच्चे प्रायः पढ़ाई में कमज़ोर होते हैं,उनके लिए यह खीर मानसिक शक्ति प्रदान करती है।

विवाह की बाधाएं हो जाती हैं दूर

कुंवारी लड़कियों के लिए यह दिन बहुत ही शुभ फलदायक है। सुबह स्नान आदि करके व्रत व चंद्रमा को अर्घ देकर व्रत की पारणा करने से उचित लाभ मिलता है। इस दिन यदि कोई कुंवारी कन्या एक मीठा संतरा पानी में प्रवाहित करें और अपने शयनकक्ष के दक्षिण पश्चिम दिशा में चांद चांदनी का चित्र लगाएं तो उसका विवाह शीघ्र ही हो जाता है। मनभावन वर की प्राप्ति होती है। यह उपाय हर महीने की पूर्णिमा पर पुनः दौहराये है। उचित लाभ मिलेगा।

मिलता है आर्थािक लाभ

धन संपत्ति पाने के लिए भी यह दिन अति शुभ मानते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर सफेद वस्त्र धारण करें। मां लक्ष्मी व नारायण की उपासना करें। व्रत जप आदि कर चांदी का श्री यंत्र मंदिर में स्थापित करें। पूर्ण रात्रि जागरण का निरंतर जप करता देख मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को इच्छित फल देती है।

 

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