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बाढ़ के पानी में डूबकर एसएसबी जवान और दो बहनों समेत पांच की मौत

सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ के पानी में डूबकर एसएसबी जवान और दो सगी बहनों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। पांच लोगों की मौत की खबर से परिवार के लोगों में कोहराम मचा हुआ है।

सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ के पानी में डूबकर एसएसबी जवान और दो सगी बहनों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। जवान बांसी क्षेत्र, दोनों बहनें और एक युवक उस्का बाजार क्षेत्र और एक अन्य युवक गोल्हौरा के रमवापुर गांव का रहने वाला था। उस्का बाजार क्षेत्र के रीवा नानकार गांव के टोला लक्षनपुर गांव निवासी भूवर की पुत्री शशिकला (17) व रागिनी (15) गुरुवार की दोपहर गांव के पास से गुजर रहे नाले के पास शौच के लिए गई थीं।

पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिरा है। शौच के दौरान पैर फिसलने से दोनों डूबने लगीं। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया लेकिन अधिक पानी होने की वजह से उनका पता नहीं चला। उस्का थाना की फोर्स के साथ एसडीएम प्रदीप कुमार यादव, सीओ अखिलेश वर्मा, तहसीलदार ऋषि रमन रीवा गांव पहुंचे। फिर शवों को तलाश कर बाहर निकाला गया। उस्का के ही धोबहा गांव में बाढ़ के पानी में मछली पकड़ने गए चैतु पुत्र भरोसे की डूबकर मौत हो गई।

बांसी कोतवाली क्षेत्र के मझवन कला गांव के टोला मियां जोत उर्फ बभनपुरवा निवासी अजीत मिश्र (38) पुत्र अयोध्या प्रसाद मिश्र बिहार के वीरपुर में एसएसबी में तैनात थे। करवा चौथ पर घर आए थे। जवान के घर के आसपास राप्ती नदी का पानी भरा हुआ है। गुरुवार शाम वह किसी काम से घर से निकले थे। इस दौरान गहरे पानी में जाकर डूब गए। जब तक बाहर निकाला जाता, जवान की मौत हो चुकी थी। फिर भी परिवार के लोग पीएचसी बांसी ले गए जहां मृत घोषित कर दिया गया। 

वहीं जिले के गोल्हौरा थाना क्षेत्र में रमवापुर गांव निवासी सुरेश (35) पुत्र सुंदर बुधवार को अपनी ससुराल गया था। वहां से शाम को घर वापस आते समय गांव के बगल पुलिया के पास बाढ़ का पानी अधिक होने से रास्ता समझ नहीं पाया और गहरे पानी में चला गया। इससे डूबकर उसकी मौत हो गई। गुरुवार की सुबह घरवालों को उसकी लाश मिली। मृतक के भाई राम नरेश की सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक छत्रपाल सिंह पुलिस टीम के साथ मौका मुआयना किया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पिलर गिरने से तीन की मौत मामले में जेई समेत तीन पर केस

डुमरियागंज थाना के भरवटिया मुस्तहकम गांव के विवाह घर में शरण लेने वाले तीन बाढ़ पीड़ितों की पिलर गिरने से 16 अक्तूबर की रात हुई मौत के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। डीएम के निर्देश पर हुई जांच में दोषी पाए गए आरईएस के अवर अभियंता, सचिव व प्रधान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

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