श्री राम कथा वाचक श्रद्धेय दीप्ती वैदेही जी को प्राकट्योत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ
प्रभु राम ने ही पार लगाया है अबतक, राम राम राम बस राम के ही रहिये
देता हूँ बधाई जन्मदिन की मैं आपको,
स्वस्थ , यशस्वी खुश आप रहिये।
जीवन देवी आपका लगे सत काम में ही,
मुख से सदैव आप राम - राम कहिये।
राम की कृपा से सब पूर्ण होंगे काज अब ,
राम का आदेश मान जन सेवा गहिये।
प्रभु राम ने ही पार लगाया है अबतक,
राम राम राम बस राम के ही रहिये।
राम को पुकार कर सीता जी को धारकर ,
दिन भर राम के भजन ही गाती है ।
मानस के साथ साथ , भागवत भी है याद ,
गीता जी की सीख उनहे खूब ही भाती है ।
करना हो जब ध्यान , होती नहीं तब सुध ,
जहाँ मिले जगह ध्यान वहीं लगाती है ।
राम की धुन मे रमी , श्याम के रंग में रंगी ,
नाम है जी दीप्ती वो वैदेही कहलाती है।।
मुख पर राम नाम लक्ष्य है श्री धाम
आये दिन करती नये प्रयोग हैं।
स्वस्थ, निरोग ये उर्जावान विचार से,
ध्यान के साथ साथ करती योग है।
व्यास पीठ सेकरती ज्ञान प्रवाह जब ,
मोहित हो कथा सुनते सब लोग हैं।
राम नाम का प्रसाद बांटती है सबमें,
राम नाम से ही दूर होते सब रोग हैं।।
शिवम सिंह तोमर
इटावा उत्तर प्रदेश