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मोरबी हादसे पर पीएम का निर्देश, कोई नेता व अधिकारी न करे जांच में हस्तक्षेप

प्रधानमंत्री ने हादसे में अनाथ हुए बच्चों एवं बेसहारा बुजुर्गों की देखभाल के निर्देश के साथ घायलों के बेहतर उपचार की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों से कहा कि वे पीड़ित परिवारों के संपर्क में रहें।

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मोरबी पहुंचकर केबल पुल के दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल जाकर हादसे में घायल लोगों से कुशलक्षेम भी पूछा। बाद में उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेष जांच समिति को निष्पक्ष एवं तटस्थ जांच करने के निर्देश दिए और कहा कि जांच में कोई नेता व अधिकारी हस्तक्षेप न करे। मोरबी के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हुई इस बैठक में विशेष जांच दल के सदस्य भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि इस जांच में मिली प्रमुख सीखों को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।

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प्रधानमंत्री ने हादसे में अनाथ हुए बच्चों एवं बेसहारा बुजुर्गों की देखभाल के निर्देश के साथ घायलों के बेहतर उपचार की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों से कहा कि वे पीड़ित परिवारों के संपर्क में रहें और सुनिश्चित करें कि दुख की इस घड़ी में उन्हें हरसंभव सहायता मिले।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने दुर्घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और बाद में पैदल चलकर दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। वह दरबारगढ़ पैलेस के छोर पर बने लौह स्तंभ तक भी गए, इसी स्तंभ से केबल पुल का एक छोर बंधा था। प्रदेश के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने उन्हें हादसे के बारे में पूरी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उनके साथ थे। संघवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि किस तरह हादसा हुआ और पुल झूलते हुए एक छोर से गिर गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की। उन्होंने उनके उपचार की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और छह घायलों से रूबरू मिलकर उनका कुशलक्षेम भी पूछा।

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प्रधानमंत्री ने अस्पताल के चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ से भी घायलों के उपचार व देखभाल के बारे में चर्चा की। वह वहां करीब 15 मिनट तक रहे। प्रधानमंत्री ने हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटी टीमों व सेना के जवानों से मिलकर उनके कार्यों की सराहना भी की।

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ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी गुजरात की तीन दिन की यात्रा पर थे और इसी दौरान मोरबी में रविवार को केबल पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद प्रधानमंत्री ने कई कार्यक्रम और रोड शो रद कर दिए अथवा सादगी से सरकारी कार्यक्रमों को पूर्ण किया। सोमवार को इस दुर्घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी द्रवित हो उठे थे। लौहपुरुष सरदार पटेल की जयंती पर केवड़िया में आयोजित समारोह में उन्होंने भावुक होकर कहा था कि वह यहां हैं, लेकिन उनका मन मोरबी में है।

दो लोग अभी भी लापता

राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के आयुक्त ने बताया कि मच्छू नदी पर बचाव एवं राहत कार्य जारी है। दो लोग अभी भी लापता हैं। हादसे के बाद 152 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। 17 लोगों का अभी उपचार चल रहा है। हादसे में मारे गए सभी लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। हबीब उल एस. के. महबूब शेख नामक व्यक्ति बंगाल का है, उसके परिजनों की तलाश की जा रही है।

झूलते पुल के केबल पर लगी थी जंग

मोरबी पुलिस ने मोरबी पुल हादसे में गिरफ्तार मैनेजर, कर्मचारी सहित नौ आरोपितों को स्थानीय अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड मांगी। पुलिस निरीक्षक ने अदालत को बताया कि आवश्यक मंजूरी लिए बिना पुल शुरू कर दिया गया था। पुलिस ने एफएसएल रिपोर्ट के साथ बताया कि कंपनी ने पर्याप्त तकनीकी कर्मचारी नहीं रखे, पुल पर लाइफ जैकेट नहीं थे और उसकी केबलों पर कई जगह जंग लगी थी।

बच्चे के डर के कारण बच गया मेहता परिवार

अमरेली जिले के राजूला गांव से मेहता परिवार के आठ से 10 लोग मोरबी के इस केबल पुल पर गए थे। हादसे के करीब 15 मिनट पहले ही यह परिवार वहां से निकल गया था। परिवार अब भगवान को धन्यवाद दे रहा है। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि पुल हिलने से उनका नौ साल का बच्चा डर रहा था। उन्होंने पुल पर सेल्फी ली और बच्चे के कहने पर पुल से बाहर आ गए। शहर में आकर गोल-गप्पे खा रहे थे, तभी पता चला कि पुल गिर गया।

 

 

 

 

 

 

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