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देवउठनी एकादशी पर विशेष : एस्ट्रोलॉजर डॉ. शिल्पा जैन

आगरा

सर्व मंगल के माध्यम से देवउठनी एकादशी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 2022 में 4 नवंबर शुक्रवार को देवउठनी एकादशी है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन श्री नारायण भगवान 4 माह की योग निद्रा से बाहर आते हैं और संसार के संचालक के तौर पर अपना कार्य संभालते हैं। इसी के साथ चातुर्मास का समापन हो जाता है और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। विधि विधान मंत्र उच्चारण के साथ भगवान विष्णु को नींद से जगाया जाता है गोधूलि बेला में गन्ने का मंडल सजाकर श्रीहरि के स्वरुप शालिग्राम और तुलसी का विवाह भी कराया जाता है। 3 नवंबर शाम 7:30 बजे से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी और 4 तारीख हो शाम 7:18 पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि क्योंकि 4 तारीख की है एकादशी का व्रत 4 तारीख को रखा जाएगा। 5 नवंबर को सुबह सारे 6:36 से 8: 45 मिनट में पारणा का शुभ समय रहेगा।
1 दिन पहले से ही तामसी भोजन का त्याग करें। एकादशी वाले दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत ही महत्व है अगर नदी में स्नान करना संभव ना हो तो स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें। सूर्य भगवान को अर्घ दे।
आज के दिन पीला वस्त्र धारण करें भगवान विष्णु की पूजा का बहुत ही महत्व बताया गया है अतः भगवान को पीला फूल अर्पित करें चावल की जगह तेल अर्पित करें धूप दीप कपूर जलाएं दीप का दान करें। तुलसी और शालिग्राम के विवाह काफी दिन माना गया है। आज प्रातः मां तुलसी में एक लोटा जल में एक सिक्का डालकर एवं हल्दी एवं मिश्री डालकर तुलसी को जल चढ़ाएं और दूसरे दिन वह सिक्का वहां से उठाकर अपने तिजोरी में रख ले। मां लक्ष्मी को धनिया बहुत ही प्रिय है आज मां लक्ष्मी को खुश करने का विशेष दिन है अतः आज के दिन धनिया का पौधा बोए और उस मिट्टी में एक सिक्का डाल दे दूसरे दिन उसे वहां से उठाकर अपनी तिजोरी में रख ले।
आज घर में गंगाजल या हल्दी मिश्रित जल से सफाई करें। पीला धागा का साथ फेरी का लच्छा बना कर बनाकर मां तुलसी को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना बोले।
पीपल के वृक्ष में विष्णु भगवान का निवास होता है ऐसी मान्यता है आज पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और प्रातः चीनी मिश्रित जल अर्पित करें। अपने घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर और घी मिलाकर स्वास्तिक बनाएं एवं तुलसी के गमले में भी स्वास्तिक बनाएं। आज के दिन चावल का उपयोग ना करें एवं विष्णु सहस्त्रनाम का जाप अवश्य करें। भगवान को फल मिठाई के साथ-साथ पान अवश्य चढ़ाएं। आज के दिन मसूर का दाल बैगन और पान का सेवन ना करें। घर के मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्ता का बंदनवार सजाएं।
आज के दिन शंख बजाकर या घंटा बजाकर विष्णु भगवान को जगाए एवं उन्हें जनों अर्पित करें और 11 दीपक जी का प्रज्वलित करें।
आज का दिन हमारी हिंदू संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना गया है आज के दिन की गई पूजा पाठ एवं दान करने से अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है। यह एकादशी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि मां लक्ष्मी का प्रिय दिन शुक्रवार आज के दिन रहेगा इसीलिए मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए मां को केसर मिश्रित खीर का भोग लगाएं।
 इस देव उठान एकादशी आपके जीवन में सुख सौभाग्य समृद्धि लेकर आए महालक्ष्मी श्री हरि की कृपा आपके घर पर सदा बनी रहे इसी मंगल कामना के साथ
 

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