लिथियम बैटरी के कारण मैनहैटन की ऊंची इमारत में लगी आग, गवर्नर कैथी होचुल ने किया ये ट्वीट
न्यूयार्क के मैनहट्टन स्थित एक बहुमंजिला इमारत में लिथियम बैटरी से लगी आग के कारण 38 लोग घायल हो गए हैं जिनमें से दो की हालत नाजुक है। दमकल अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गवर्नर कैथी होचुल ने ट्टीट कर दमकल विभाग का शुक्रिया किया है।
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर स्थित मैनहैटन की एक इमारत में भीषण आग लग गई। इस घटना में कम से कम 38 लोग घायल हो गए। रेस्क्यू के लिए दमकल की कई गाड़ियां मौके पर मौजूद थे।
न्यूयॉर्क सिटी फायर डिपार्टमेंट के अनुसार, ये आग मैनहट्टन की एक ऊंची इमारत में शनिवार सुबह लगी है। सीएनएन ने अग्निशमन आयुक्त लौरा कवानाघ के हवाले से बताया कि 38 घायलों में से दो की हालत नाजुक बनी हुई है वहीं 5 की हालत गंभीर है। बाकी को मामूली चोटें आई हैं। घटना की जांच जारी है।
लिथियम बैटरी से लगी आग
अधिकारियों के अनुसार, सुबह 10:30 बजे ईस्ट 52 स्ट्रीट पर इमारत में आग लगी। आग लगने का कारण माइक्रो-मोबिलिटी डिवाइस से जुड़ी लिथियम-आयन बैटरी बताई जा रही है। मुख्य एयर मार्शल डैन फ्लिन ने कहा, आग लगने का कारण लीथियम आयन बैटरी है।" फ्लिन ने कहा कि "हम पिछले कुछ वर्षों से आग लगने के कई मामले देख रहे हैं। ये आग, बिना किसी चेतावनी के आती हैं और तेजी से फैलती है।
इस साल इन बैटरियों से आग लगने के कारण 6 मौतें दर्ज की जा चुकी है। गवर्नर कैथी होचुल ने ट्टीट कर घायलों के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और दमकल विभाग को भी शुक्रिया कहा। उन्होंने लिखा, "मैनहट्टन में एक अपार्टमेंट इमारत में आग लगने से घायल हुए लोगों के लिए प्रार्थना करती हूं। हमारे बहादुर दमकल विभाग को शुक्रिया जिन्होंने पूरे हिम्मत के साथ लोगों की जान बचाई"।
लिथियम-आयन बैटरी से कैसे लगती है आग?
लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल हर जगह हो रहा है, चाहे वो हमारा मोबाइल फोन हो या दूसरा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण। सभी में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि लिथियम-आयन बैटरी प्रति घंटा 150 वॉट एनर्जी स्टोर कर सकती है।
लीथियम आयन बैटरी में आग मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, एक्सटर्नल डैमेज या खराब सॉफ्टवेयर के कारण लगता हैं। अगर बैटरी बहुत ज्यादा खराब हो जाती है तो उससे हीट निकलने लगता है जिसे थर्मल रनवे कहा जाता है। हीट पैदा होने के कारण बैटरी में आग लग जाती है।