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विदेशों में मारे जा रहे चीनी नागरिक, फैक्ट्रियां हो रहीं आग के हवाले; गुस्से में ड्रैगन ने उठाया ये कदम

चीनी राष्ट्रपति का बयान उनके नागरिकों की सुरक्षा खतरे को दर्शाता है। चीन ने पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और लीबिया में कई बीआरआई परियोजनाएं शुरू की हुई हैं।

चीन भले ही कर्ज के चलते दुनिया के कई देशों को अपना 'गुलाम' बना रहा हो लेकिन उन देशों में चीनी नागरिकों के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़का हुआ है। चीन पड़ोसी देश पाकिस्तान का सबसे करीबी सहयोगी है लेकिन पिछले दिनों वहां भी चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया। विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित चीन अब बड़ा कदम उठाने जा रहा है। चीनी निवेश और चीनी नागरिकों पर हमलों के साथ-साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं के बारे में लोगों के बीच नकारात्मक धारणा बन रही है। इन सबके बीच, सुरक्षा बीजिंग का शीर्ष एजेंडा बन गया है। द एचके पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ड्रैगन विदेशों में चीनी नागरिकों और बीआरआई परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा फर्मों को तैनात करने पर विचार कर रहा है।

विदेशों में तोड़फोड़ के खतरों का सामना कर रहा चीन 

चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने हाल ही में समाप्त हुई सीसीपी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के दौरान इस ओर एक व्यापक संकेत दिया था। द एचके पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बीआरआई चीन की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें ड्रैगन ने अरबों अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। लेकिन बीआरआई परियोजनाओं को कई देशों में आतंकवादियों और असंतुष्ट तत्वों से तोड़फोड़ के खतरों का सामना करना पड़ रहा है। चीनी राष्ट्रपति ने 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के दौरान कहा, "हम विदेशी सुरक्षा सुनिश्चित करने और चीनी नागरिकों और विदेशों में कानूनी संस्थाओं के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने की अपनी क्षमता को मजबूत करेंगे।"

इन देशों में फैला है चीन का 'महाजाल'

चीनी राष्ट्रपति का बयान उनके नागरिकों की सुरक्षा खतरे को दर्शाता है। चीन ने पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और लीबिया में कई बीआरआई परियोजनाएं शुरू की हुई हैं। चीन को डर है कि इन देशों में बीआरआई परियोजनाओं में लगे चीनी लोगों की सुरक्षा को खतरा है और उनकी सुरक्षा करने के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है। चीन को इस बात की भी डर सता रहा है कि उसके नागरिकों पर इन देशों में आतंकी हमलों का भी सामना करना पड़ सकता है। 

हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है कि दुनिया के विभिन्न कोनों में फैली बीआरआई परियोजनाओं के आसपास सुरक्षा कैसे बढ़ाई जाएगी। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी सुरक्षा फर्म "चीन की महत्वाकांक्षी बीआरआई से संबंधित संपत्तियों की सुरक्षा" में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। द एचके पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में, 40 लाख से अधिक कर्मियों को रोजगार देने वाली 5000 सुरक्षा फर्म सरकार के साथ पंजीकृत हैं।

ड्रैगन ने 20 सुरक्षा फर्मों को विदेशों में काम करने का लाइसेंस दिया

शोध संस्थान के अनुसार, लगभग 20 सुरक्षा फर्मों को विदेशों में काम करने के लिए लाइसेंस दिया गया है। चूंकि विदेशों में पीएलए सैनिकों या सेवारत पुलिस कर्मियों की तैनाती कूटनीतिक तौर पर चीन को भारी पड़ सकती है, इसलिए निजी सुरक्षा फर्म चीन के लिए ये काम करेंगी। म्यांमार के एक समाचार आउटलेट द इरावाडी के अनुसार, 14 फरवरी को मध्य म्यांमार में एक चीनी तेल और गैस पाइपलाइन फैसिलिटी पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के हमले में क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके अलावा, म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के लिए चीनी सरकार का कथित समर्थन हासिल है। लोग इस बात से भी चीन से नाराज हैं। चीन दक्षिण पूर्व एशियाई देश के लोगों की भलाई के बजाय अपने हितों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहगा है। ये उसके लिए लोगों के गुस्से का कारण बन रहा है।

चीनी फैक्ट्रियों में आग लगा रहे गुस्साए लोग

मार्च 2021 में, म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून के एक औद्योगिक उपनगर में 32 चीनी-संचालित फैक्ट्रियों में आग लगा दी गई थी। महत्वाकांक्षी बीआरआई के तहत बीजिंग दक्षिण पूर्व एशियाई देश में चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारे की स्थापना कर रहा है। इसी तरह, पाकिस्तान का 62 अरब का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी आतंकवादियों और विद्रोहियों के हमलों के कारण रुका हुआ है। बीजिंग ने 2016 में आधिकारिक तौर पर CPEC लॉन्च किया था, उसके बाद से, विद्रोही समूहों ने सितंबर 2022 तक पाकिस्तान में चीनी कंपनियों पर 10 से अधिक हमले किए। 

नाइजीरिया में, चीनी नागरिकों और उनके व्यापारिक हितों पर आतंकवादी संगठन बोको हराम और अन्य आतंकवादी समूहों के हमले बढ़ते जा रहे हैं। द एचके पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जून में नाइजीरिया के शिरोरो क्षेत्र के अजता अबोकी गांव में एक खनन स्थल पर सशस्त्र आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने पर कई सुरक्षाकर्मी मारे गए थे और चार चीनी नागरिकों सहित कुछ श्रमिकों का अपहरण कर लिया गया था। चीनी नागरिकों के अपहरण की घटनाओं में वृद्धि से चिंतित, बीजिंग में अधिकारियों ने अपने नागरिकों और कंपनियों को नाइजीरिया और अफ्रीका के अन्य हिस्सों में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा के खिलाफ एक यात्रा सलाह जारी की थी।

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