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शारीरिक परिश्रम और उचित खानपान से करें मधुमेह की रोकथाम 

आगरा

आगरा। विश्व मधुमेह दिवस पर सोमवार को डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के छलेसर कैंपस स्थित फार्मेसी विभाग में मधुमेह जागरुकता सेमिनार आयोजित किया।

कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मधुमेह आज के समय की एक आम बीमारी बन गई है। जिसको देखो इस बीमारी से घिरा हुआ है। लोग आज मेहनत का काम नहीं करना चाहते हैं, इसलिए आजकल के लोगों में इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया है। इससे निपटने के लिए हमें शारीरिक परिश्रम और उचित खानपान का ध्यान रखना चाहिए।

गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. पियूष जैन ने बताया कि  50 प्रतिशत से अधिक टाइप 2  डायबिटीज़ (मधुमेह) को रोका जा सकता है, क्योंकि डायबिटीज़ से बचाव ही उसका उपचार है।
लोगो में जागरूकता अधिक हो इसके लिए स्कूल स्तर तक इस कार्यक्रम को ले जाने पर बल दिया व लोगो के बीच डायबिटीज की स्क्रीनिंग पर जोर दिया

फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश तिवारी ने बताया कि डायबिटीज़ से बचने के लिए चाय का परहेज करना चाहिए और साथ ही चीनी युक्त पदार्थ का कम सेवन करना चाहिए और रोज सुबह पांच किमी टहलना चाहिए। इस अवसर पर फार्मेसी विभाग की डॉ. श्वेतलाना , डा पूजा शर्मा व अन्य मौजूद रहे।

बचाव के उपाय:
•मीठा पदार्थ न लें।
••व्यायाम करें, धुम्रपान शराब छोड़ दें।
•रेशे युक्त भोजन, साबूत अनाज खाएं।
••वजन कम करें, अधिक सक्रीय रहे।
•अधिक फल और सब्जियां खाएं।
••प्रतिदिन योग व मेडिटेशन का अभ्यास करें।

डायबिटीज़ से होने वाले लक्षण:
•अधिक वसाय और अधिक पेशाब करना
••अधिक भूख लगना व थकान होना
•हाथों और पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
••अकारण वजन कम होना
•अत्यधिक थकान,
••घाव धीरे-धीरे ठीक होना

टाइप 2 की आंशका वाले कारण :
•परिवार में किसी को डायबिटीज़ होना
••अधिक वजन, असंतुलित आहार
• शारीरिक निष्क्रियता, बढ़ती हुई उम्र
• • उक्त रक्तचाप
• गर्भकालीन डायबिटीज का इतिहास
• • गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण की कमी

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