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ऑनलाइन गेम के लिए मां की हत्याः पबजी से लेकर ब्लू व्हेल तक, इन खूनी खेलों से अपने बच्चों को इस तरह बचाएं

यूपी में पबजी गेम के लिए नाबालिग ने अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी. हर कोई इस घटना से हैरान है. अभिभावक भी अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं. दरअसल, तकनीक के इस दौर में ऑनलाइन गेम्स की लत बच्चों की मानसिक सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रही है. ऐसे में जानिए किस तरह बच्चों की ऑनलाइन गेम की लत को दूर किया जा सकता है.

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक 17 वर्षीय लड़के ने गुस्से में आकर अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी, क्योंकि उन्होंने उसे पबजी खेलने से मना कर दिया था. यही नहीं बच्चे ने मां के शव को तीन दिन तक घर में छिपाकर रखा. बदबू न आए इसलिए रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल किया. बहन को भी घर पर बंद कर दिया. दोस्तों को बुलाकर पार्टी भी की. 

हर कोई इस घटना से हैरान है. अभिभावक भी अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं. दरअसल, तकनीक के इस दौर में ऑनलाइन गेम्स की लत बच्चों की मानसिक सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रही है. विशेषज्ञ बताते हैं कि कमरे में बंद होकर वीडियो गेम्स खेलने वाले बच्चे अपने घर, परिवार, दोस्तों और आसपास के लोगों से धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं. 

ऑनलाइन गेम का बच्चों पर क्या असर होता है?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बच्चे मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं. दूसरों के सामने अपनी भावनाएं जाहिर करने में इन्हें दिक्कत होती है. ऑनलाइन गेम्स के लिए डांटने पर माता-पिता को खाना न खाने, घर से भागने की धमकी देते हैं. कुछ तो एक्स्ट्रीम स्तर पर पहुंच जाते हैं. जैसा लखनऊ में नाबालिग ने किया.

 

जानिए बच्चों पर होने वाला मानसिक असर
1. चिड़चिड़ापन महूसस होना
2. तनाव होना, नींद नहीं आना
3. अकेलापन महसूस होना, उदास होना

ऑनलाइन गेम्स से शारीरिक असर
1. सिर में दर्द और भारीपन
2. आंखों में ड्राइनेस और भारीपन
3. बैठे-बैठे खेलने से मोटापा बढ़ना और शारीरिक विकास बाधित होना

 

जानिए 'खूनी खेलों' के बारे में
1. पबजी - पबजी एक ऑनलाइन गेम है. इसमें अलग-अलग टास्क मिलते हैं. जिसमें विरोधी को मारना होता है. इसमें काफी वायलेंस होता है, जिसका असर बच्चों की मानसिक सेहत पर पड़ता है.

2. ब्लू व्हेल चैलेंज - ब्लू व्हेल चैलेंज गेम में अलग-अलग टास्क मिलते हैं. इसे पूरा करना होता है. इस गेम की वजह से बच्चे आत्महत्या करने लगे थे. भारत में इस गेम को बैन कर दिया गया है.

 

3. फ्री फायर - ये बैटल रॉयल गेम है. इसमें भी काफी हिंसा दिखाई जाती है. बच्चे माता-पिता से छिपकर टॉप अप कराने के लिए चोरी भी करते हैं. 

इसी तरह फार क्राई, कॉल ऑफ ड्यूटी और काउंटर स्ट्राइक जैसे अन्य गेम हैं, जिनकी लत आपके बच्चे की मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अच्छी नहीं हैं. 

बच्चों की ऑनलाइन गेम की लत कैसे छुड़ाएं? 
1. बच्चों का धीरे-धीरे स्क्रीन टाइम कम करने की कोशिश करें. 
2. उनसे प्यार से बात करें और घर के बाकी कामों में भी लगाएं.
3. मोबाइल पर गेम्स के अलावा बाकी अच्छी पढ़ने-लिखने की चीजें भी दिखाएं.
4. बच्चों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं और उनको समझते हुए उनकी बातें समझाने की कोशिश करें.

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