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आत्मनिर्भर भारत में वैज्ञानिक कृषि क्षेत्र 

लखनऊ

लखनऊ । राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के शोधों का ही परिणाम है कि देश उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। पहले देश में अनाज आयात होता था, आज निर्यात हो रहा है। कृषि विश्वविद्यालय व शोध संस्थानों के वैज्ञानिक मिलकर जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.यह एक सुखद पहलू है।
आनंदीबेन पटेल ने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा नवनिर्मित लौह पुरुष भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल छात्रावास का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि 
रासायनों का प्रयोग से ऐहतियात रखने के सुझाव के साथ कहा कि रसायनों के अधिकाधिक प्रयोग से बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि किसान मिश्रित खेती कर अधिक लाभ उठाएं। कृषि वैज्ञानिक नित नए-नए बीजों का शोध कर रहे हैं। साथ ही किसानों को प्रशिक्षित कर उन्हें शहद उत्पादन एवं अन्य व्यवसाय  मत्स्य पालन, डेयरी उत्पादन, बकरी पालन आदि कृषि आधारित व्यवसायों के प्रति प्रेरित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं भी गेहूं से दलिया आदि में मूल्य संबर्द्धन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। राज्यपाल ने फसल अवशेषों को जलाए जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि किसान भाई फसल अवशेषों में आग बिल्कुल भी न लगाएं बल्कि उससे खाद बनाकर मिट्टी में मिलाएं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता भी कम होगी।

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