पेंशन को लेकर आई चिंता की बात, Income Tax देने वालों पर पड़ सकता है बोझ
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि इससे भविष्य के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा. भारत की ओर से राजकोषीय स्थिति को बेहतर करने और विकास को बढ़ावा देने की तरफ कदम बढ़ाया जा रहा है. बेरी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के फिर शुरू होने को लेकर उन्हें चिंता है.
रिटायरमेंट के बाद अच्छी जिंदगी हर कोई चाहता है. वहीं रिटायरमेंट (Retirement) के बाद पेंशन मिले तो सोने पर सुहागा हो जाता है क्योंकि उस वक्त कमाई के जरिए काफी कम होते हैं. ऐसे में पेंशन मिलना राहत वाली बात होती है. इस बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कुछ राज्यों के जरिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने पर चिंता जाहिर की है.
चिंता
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि इससे भविष्य के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा. भारत की ओर से राजकोषीय स्थिति को बेहतर करने और विकास को बढ़ावा देने की तरफ कदम बढ़ाया जा रहा है. बेरी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के फिर शुरू होने को लेकर उन्हें चिंता है.
भविष्य के करदाताओं पर असर
बेरी ने कहा, 'मेरे ख्याल से यह चिंता का विषय है क्योंकि इसका भार मौजूदा करदाताओं पर नहीं बल्कि भविष्य के करदाताओं और नागरिकों पर पड़ेगा.' बता दें कि ओपीएस के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार की ओर से मुहैया करवाई जाती है. हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से एक अप्रैल 2004 से इसे बंद कर दिया गया था.
पेंशन योजना
वहीं नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए देते हैं जबकि राज्य सरकार इसमें 14 प्रतिशत का योगदान देती है. बेरी का कहना है कि राजनीतिक दलों को अनुशासन का पालन करना चाहिए. हम सभी भारतीय अर्थव्यवस्था में इजाफा करने के लिए काम कर रहे हैं.
OPS का क्रियान्वयन
बता दें कि कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने OPS क्रियान्वयन का फैसला पहले ही ले लिया है. वहीं BJP शासित हिमाचल प्रदेश में वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह इस योजना को बहाल करेगी. इसके अलावा झारखंड ने OPS शुरू करने का फैसला किया. आम आदमी पार्टी शासित पंजाब ने भी इस योजना के फिर से क्रियान्वयन को हाल ही में मंजूरी दी है. (इनपुट: भाषा)