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जेपी नड्डा: जिहादी मानसिकता के खिलाफ सक्रिय लड़ाई जरूरी

हिमाचल गुजरात के साथ साथ एमसीडी चुनाव मे भी जीत का दावा करते हुए नड्डा ने पार्टी के अंदर बगावत करने वाले उम्मीदवारों को भी संदेश दिया कि भविष्य पार्टी के अंदर ही बाहर नही। जेपी नड्डा ने लव जिहाद और रेवड़ी कल्चर को लेकर महतवपूर्ण बातें कही।

विकास के बड़े दायरे में आंतरिक और बाह्य सुरक्षा भाजपा के सुशासन के मापदंड का बड़ा हिस्सा है। चुनावी अभियान हो तो भाजपा का शायद ही कोई राष्ट्रीय नेता सुरक्षा के लिए पार्टी का संकल्प दोहराने से चूकता हो। सर्जिकल स्ट्राइक, उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती जैसे उद्धरण तो हर चुनाव में मुद्दा बनता ही है, गुजरात में पार्टी ने एक नई शुरूआत की है- जिहादी मानसिकता से लड़ाई की। स्पष्ट है कि गुजरात से शुरू हुई यह पहल आने वाले वक्त में राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखेगी।

पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समन्वय, उत्साहित कार्यकर्ताओं के साथ रोड शो, देर शाम इकट्ठी हुई भारी जनसभा में रैली जैसे कई कार्यक्रम के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा से लंबी चर्चा की। हिमाचल, गुजरात के साथ साथ एमसीडी चुनाव मे भी जीत का दावा करते हुए नड्डा ने पार्टी के अंदर बगावत करने वाले उम्मीदवारों को भी संदेश दिया कि भविष्य पार्टी के अंदर ही बाहर नही।

जेपी नड्डा:  मैं इतना कह सकता हूं कि तीनों जगह भाजपा को अच्छी बढ़त के साथ जीत हासिल होगी। हिमाचल में लोगों ने स्थिरता और विकास के लिए वोट दिया है। प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए जो अटूट विश्वास है और प्रदेश में जिस तरह केंद्र की योजनाओं को लागू किया गया उसका असर दिखेगा। वहां रिवाज बदलने वाला है। जहां तक गुजरात की बात है तो यहां लड़ाई इकतरफा है। गुजरात के लोग जानते हैं कि यहां के विकास में, सुरक्षा में, कानून व्यवस्था में भाजपाऔर प्रधानमंत्री मोदी की क्या भूमिका है।

यहां तो चुनाव को लेकर कोई सवाल ही नहीं होना चाहिए। रही बात दिल्ली की तो तो लोग जानते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी भाजपा ने अच्छा काम किया है। दिल्ली की प्रदेश सरकार ने बहुत रुकावटें पैदा कीं लेकिन भाजपा ने काम किया। लोग इसे महसूस करते हैं और इसीलिए हम फिर से एमसीडी में भी काबिज होंगे। जो बात आप दिल्ली प्रदेश सरकार के लिए कह रहे हैं। वही बात वह केंद्र सरकार के लिए कहते हैं। कहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें दिल्ली में काम करने से रोकती है। क्या है?

वह बताएं कि हमने कौन से काम में रुकावट डाल दी.. उन्होंने काम नियम से न करने का संकल्प ले लिया हो तो रुकावट कानून डालेगा। जल निगम का आडिट और 58 हजार करोड़ रुपये न देना, सीएजी की तरफ से डेढ़ दर्जन रिमाइंडर देना. किस नियम के तहत उन्हें क्लास रूम और बाथरूम का टेंडर एक दिन दिया गया, कौन उन्हें कहता है कि शराब के लिए 2 फीसद का कमीशन 12 फीसद कर दो और फिर वह क्यों मजबूर होते हैं, क्यों उनके लोग गिरफ्तार हैं.। सरकारों को नियम के दायरे में ही चलना होता है। वह सही तरीके से काम करना ही न चाहते हो और आरोप लगाएं तो जनता देख ही रही है।

 

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