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ओबीसी आरक्षण पर सदन बुलाकर चर्चा कराए सरकार, अखिलेश यादव ने की मांग

यूपी की योगी सरकार को दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी करार देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।

यूपी की योगी सरकार को दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी करार देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। गुरुवार को लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो वह सदन बुलाकर अपना पक्ष रखे। सपा मुख्यालय में बृहस्पतिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश ने कहा कि आरक्षण पर सरकार समय-समय पर गुमराह करती रही है और पिछड़ों तथा दलितों को इस कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है कि वे मिलकर आंदोलन करें।

उन्होंने कहा, “मैं सरकार से कहूंगा कि सदन की बैठक बुलाकर बहस कराएं और जब उनकी नीयत साफ है तो सत्र बुलाएं और सदन में अपना पूरा पक्ष रखें। पिछले कई वर्षों से देखा गया है कि पिछड़ों और दलितों का हक मारा जा रहा है।”

अखिलेश ने आरोप लगाया, “भाजपा का पिछड़ों के प्रति हमेशा सौतेला व्यवहार रहा है और आज हमें जो देखने को मिल रहा है, यह पहली बार नहीं हो रहा है। आज पार्टी ने पिछड़ों का आरक्षण छीना है, कल दलितों की बारी हो सकती है।” उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के पिछड़ा वर्ग संगठन के लोग तैयारी कर रहे हैं कि अगर उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़नी पड़े तो सपा पिछड़े वर्ग का पूरा सहयोग करेगी।

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार न केवल आरक्षण को लेकर भेदभाव कर रही है, बल्कि चुनाव से भी भागना चाहती है, क्योंकि वह जानती है कि मैदान में जनता के बीच उतरेगी तो जनता उसे बुरी तरह से हरा देगी। उन्होंने दावा किया कि हाल में जो चुनाव हुए हैं उन परिणामों ने बताया है कि पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक सब लोगों ने मिलकर भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ वोट डाला था। हालांकि मैनपुरी, खतौली रामपुर में सरकार की बेईमानी सब जानते हैं। 

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया था।

इसके साथ ही पीठ ने योगी सरकार और राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि पिछड़ा वर्ग की सीटों को सामान्य करते हुए स्थानीय निकाय चुनाव को 31 जनवरी 2023 तक संपन्न करा लिया जाए। अखिलेश ने कहा कि ओबीसी समाज का आरक्षण खत्म करके न केवल उन्हें धोखा दिया जा रहा है, बल्कि बाबा साहेब द्वारा पिछड़े और शोषित समाज को दिए गए अधिकारों को छीनने का षड्यंत्र भी चल रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, “अगर हम भाजपा के काम करने का तरीका देखें तो पाएंगे कि केवल एक संस्था में नहीं, बल्कि हर संस्था में पार्टी जानबूझकर षड्यंत्र करके पिछड़ों और दलितों को उनका अधिकार नहीं दे रही है। ओबीसी समाज का आरक्षण खत्म करके उसकी आने वाली नस्लों को गुलाम बनाने की साजिश चल रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा समय-समय पर पिछड़ों का तो वोट चाहती है लेकिन सत्ता में उन्हें भागीदारी नहीं देना चाहती। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश  और दिल्ली की सरकार पिछड़ों के वोट से बनी है लेकिन, दोनों सरकारों में पिछड़ों के लिए कोई जगह नहीं है। लगातार संस्थाओं में साजिश करके समाज को उस कगार पर पहुंचा दिया है कि आरक्षण खत्म हो जाए।

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