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Heeraben Passes Away: आसान नहीं था बचपन, मां ने संघर्षों को अपनाया पर हारी नहीं;PM ने बताया

पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में मां से जुड़े कई यादगार किस्सों को सहेज कर रखा है। 'मां' में पीएम मोदी लिखते हैं कि हीराबेन कुछ ही दिनों की थी और उनकी मां (मेरी नानी) हमेशा के लिए छोड़कर चली गई।

शताब्दी वर्ष पार करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हीराबेन ने जून माह की 18 तारीख को अपने बेटे और लाडले नरेंद्र मोदी (पीएम मोदी) के साथ जन्मदिन मनाया था। पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में मां से जुड़े कई यादगार किस्सों को सहेज कर रखा है। 'मां' में पीएम मोदी लिखते हैं कि हीराबेन कुछ ही दिनों की थी और उनकी मां (मेरी नानी) हमेशा के लिए छोड़कर चली गई। न उन्हें मां से जिद करने का मौका मिला न मां की ममता मिल पाई।

अपने ब्लॉग में शीर्षक 'मां' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लिखते हैं, "मेरी मां का जन्म, मेहसाणा जिले के विसनगर में हुआ था। वडनगर से ये बहुत दूर नहीं है। मेरी मां को अपनी मां यानि मेरी नानी का प्यार नसीब नहीं हुआ था। एक शताब्दी पहले आई वैश्विक महामारी का प्रभाव तब बहुत वर्षों तक रहा था। उसी महामारी ने मेरी नानी को भी मेरी मां से छीन लिया था। मां तब कुछ ही दिनों की रही होंगी। उन्हें मेरी नानी का चेहरा, उनकी गोद कुछ भी याद नहीं है। आप सोचिए, मेरी मां का बचपन मां के बिना ही बीता, वो अपनी मां से जिद नहीं कर पाईं, उनके आंचल में सिर नहीं छिपा पाईं। मां को अक्षर ज्ञान भी नसीब नहीं हुआ, उन्होंने स्कूल का दरवाजा भी नहीं देखा। उन्होंने देखी तो सिर्फ गरीबी और घर में हर तरफ अभाव।"

बकौल पीएम मोदी, "हम आज के समय में इन स्थितियों को जोड़कर देखें तो कल्पना कर सकते हैं कि मेरी मां का बचपन कितनी मुश्किलों भरा था। शायद ईश्वर ने उनके जीवन को इसी प्रकार से गढ़ने की सोची थी। आज उन परिस्थितियों के बारे में मां सोचती हैं, तो कहती हैं कि ये ईश्वर की ही इच्छा रही होगी। लेकिन अपनी मां को खोने का, उनका चेहरा तक ना देख पाने का दर्द उन्हें आज भी है।"

पीएम मोदी लिखते हैं, "बचपन के संघर्षों ने मेरी मां को उम्र से बहुत पहले बड़ा कर दिया था। वो अपने परिवार में सबसे बड़ी थीं और जब शादी हुई तो भी सबसे बड़ी बहू बनीं। बचपन में जिस तरह वो अपने घर में सभी की चिंता करती थीं, सभी का ध्यान रखती थीं, सारे कामकाज की जिम्मेदारी उठाती थीं, वैसे ही जिम्मेदारियां उन्हें ससुराल में उठानी पड़ीं। इन जिम्मेदारियों के बीच, इन परेशानियों के बीच, मां हमेशा शांत मन से, हर स्थिति में परिवार को संभाले रहीं।"

गौरतलब है कि हीराबेन मोदी ने आज अहमदाबाद के यूएन अस्पताल में आखिरी सांस ली। पीएम मोदी मां की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। 

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