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RSS: भागवत के बयान पर ओवैसी का पलटवार, पूछा- मुसलमानों से इतना डर क्यों?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी कहा था कि दुनियाभर में हिंदुओं में पनपी ताजा आक्रामकता समाज में जागरूकता का नतीजा है, जो पिछले एक हजार से अधिक वर्षों से युद्ध से जूझ रहा है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख की ओर से मुसलमानों को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। ओवैसी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर देश में महंगाई, बेरोजगारी, भारत-चीन और रुपए की कीमत पर कभी नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमान केवल समानता और समान नागरिकता की बात कर रहे हैं, सर्वोच्चता की नहीं।

ओवैसी ने कहा,मुसलमान केवल समानता और समान नागरिकता की बात कर रहे हैं, सर्वोच्चता की नहीं। उनके लिए विविधता राष्ट्र-विरोधी है। वह (मोहन भागवत) सीधे लोगों को मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं। आप आखिर मुसलमानों से इतना क्यों डरते हैं? आप आखिर भारत की विविधता से क्यों डरते हैं? भारत के बहुलवाद से RSS वाले क्यों डरते हैं? भारत के विभिन्न संस्कृतियां से क्यों डरते हैं?'

क्या कहा था मोहन भागवत ने?

भागवत ने कहा था कि भारत में मुसलमानों के लिए डरने की कोई वजह नहीं है, लेकिन उन्हें 'खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी' से परहेज करना होगा।  'ऑर्गनाइजर' और 'पांचजन्य' को दिए साक्षात्कार में भागवत ने कहा था, 'सीधी सी बात है हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है... इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। लेकिन मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी छोड़ देनी चाहिए।'

'मुसलमानों को छोड़ देनी चाहिए अवधारणा'

 उन्होंने कहा, 'हम एक महान नस्ल के हैं; हमने एक दौर में इस देश पर राज किया था, और हम फिर से उस पर राज करेंगे; सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं; हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे; हम साथ मिलकर नहीं रह सकते.....; मुसलमानों को इस अवधारणा को छोड़ देना चाहिए। यहां रहने वाले सभी लोगों को, चाहे वे हिंदू हों या वामपंथी, इस भाव को त्याग देना चाहिए।'

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