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पाकिस्तान के लिए तालिबान बना काल, एक साल में हुए कई हमले; अब भी बना खतरा

पाकिस्तान शुरुआत से ही अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के बनने के हिमायती रहा। जिस वक्त अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार बन रही थी तब पाकिस्तान ने इसे भारत के खिलाफ बड़ा कदम बताया था।

तालिबान को पालने वाले पाकिस्तान ने शायद कभी ऐसा नहीं सोचा होगा कि उसकी आस्तीन में पल रहा सांप एक वक्त के बाद उसे ही डंस लेगा। अफगानिस्तान में तालिबानी की सरकार की हिमायती रहे पाकिस्तान को अब अंदाजा लग रहा है तालिबान अब उसके लिए नासूर बन चुका है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में पिछले कुछ दिनों से आतंकी हमले काफी बढ़ गए हैं। ऐसा माना जाता है कि तालिबानी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की इसके पीछे साजिश है। 

पिछले साल अगस्त के बाद हुए 100 हमले

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक टीटीपी ने पिछले साल 100 से अधिक हमलों को अंजाम दिए जिनमें से अधिकांश अगस्त के बाद हुए। टीटीपी की तरफ से पिछले साल 28 नवंबर को औपचारिक रूप से सीज फायर भी खत्म कर दिया था। 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए मौजूदा सरकार को तालिबानी मंसूबों के खिलाफ आगाह किया है। इमरान खान ने मौजूदा पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ इल्जाम लगाया कि खैबर पख्तूनख्वा की पुलिस तालिबानी साजिशों को रोकने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, "पुलिस आतंकवादियों के हथियारों का सामना नहीं कर सकती है।" 

और भी हमले होने की है आशंका

इमरान ने यह भी सवाल किया कि पाक-अफगान सीमा पर हाल की घटनाओं के मद्देनजर पाकिस्तानी सरकार ने अफगानिस्तान पर सवाल क्यों नहीं उठाए? हालांकि, उन्होंने यह भी दोहराते हुए कहा कि अफगानिस्तान के साथ संबंध बिगड़ते हैं तो देश में और भी आतंकी हमले होंगे। 

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