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Pakistan Economic Crisis: केवल आटा नहीं... इन 10 जरूरी चीजों के लिए भी तरस रहा है पाकिस्तान!

रावलपिंडी के बाजार में आटे की कीमत 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. आटे की 15 किलो की बोरी 2250 रुपये तक में बिक रही है. लाहौर में भी आटे का दाम 145 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है.

पाकिस्तान में आर्थिक हालात (Pakistan Economy) बदतर होते जा रहे हैं. लोग रोटी के लिए जान की बाजी लगाने को मजबूर हैं. लोगों की थाली से सिर्फ रोटी ही गायब नहीं हो रही है, बल्कि अन्य रोजमर्रा के जरूरी सामानों के लिए भी लोग तरस रहे हैं. जो सामान भारत में गली के कोने की दुकान तक पर आसानी से मिल जाते हैं, सबसे बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान में इनके लिए लोग मरने-मारने को तैयार हैं.  

महंगाई से मचा देश में कोहराम
आटा, दूध, चावल से लेकर चिकन तक, खाने के तेल से लेकर पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) तक लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं. पाकिस्तान में महंगाई (Pakistan Inflation) का आलम ये है कि मुद्रास्फीति दर 24.5 फीसदी के हाई पर पहुंच गई है. कीमतों में तेजी ने लोगों को दाने-दाने के लिए मोहताज कर दिया है. कई प्रातों के शहरों में तो लोग बिना एलपीजी (LPG) के ही जीवन गुजार रहे हैं और जहां गैस मिल भी रही है, तो सिलेंडर की कीमत सुन लोगों की हवाइयां उड़ रही हैं. 

Pakistan में आटे का अकाल
जरूरी सामानों की लिस्ट पर नजर डालें तो देश में गेहूं (Wheat) की किल्लत विकराल रूप घारण कर चुकी है. सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें और वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहे हैं, उनमें दिख रहा है कि आटे की बोरी के लिए लोग कैसे मरने-मारने तक के लिए तैयार हैं. रिपोर्ट की मानें तो इस्लामाबाद में रोजाना गेहूं की खपत 20 किलो के 38,000 बैग्स की है, लेकिन यहां संचालित 40 आटा मिलों से 21,000 बैग्स की आपूर्ति हो पा रही है.

अब Flour Price की बात करें तो पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, रावलपिंडी के बाजार में आटे की कीमत 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. आटे की 15 किलो की बोरी 2250 रुपये तक में बिक रही है. लाहौर में भी आटे का दाम 145 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है.

तेल-दूध और चावल को मोहताज लोग
पाकिस्तान का सरकारी खजाना तेजी से खाली होता जा रहा है और इस पर काबू पाने के सरकार (Pakistan Government) के तमाम कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं. आटा के अलावा लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे अन्य जरूरी सामानों की लिस्ट देखें तो सरसों के तेल की भी किल्लत है. दुकानों पर जो स्टॉक मौजूद है उसके दाम आसमान छू रहे हैं. एक किलो सरसों तेल 533 रुपये लीटर मिल रहा है. इसके अलावा दूध और चावल की भी कमी होती जा रही है. दूध 150 रुपये प्रति लीटर और चावल 147 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. 

रोटी के साथ चिकन भी थाली से गायब
ऐसे जरूरी सामनों की लिस्ट में अगला नाम आता है चिकन का....तो बता दें पाकिस्तान में औसत दाम 384 रुपये प्रति किलो हो गया है. वहीं कई शहरों में तो ये 650 रुपये प्रति किलोग्राम के दाम पर बिक रहा है. दूसरे शब्दों में कहें तो पाकिस्तानियों की थाली से रोटी के साथ चिकन भी गायब होता जा रहा है. दालों की कीमत भी आसमान छू रही है, तो फ्रेश फलों की सप्लाई करने वाले पाकिस्तान में खुद लोगों को फल नहीं मिल पा रहे हैं. आर्थिक बदहाली के बीच प्याज भी पाकिस्तान के लोगों को रुलाने का काम कर रही है. देश में बीते साल महज 37 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकने वाली प्याज अब 220 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है. 

पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर
देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) जिस तेजी से खत्म होता जा रहा है. देश जरूरी सामानों के आयात के लिए भी मोहताज होता जा रहा है. Petrol-Diesel की मांग को पूरा करने में भी श्रीलंका (Sri Lanka) की तरह ही असमर्थ नजर आने लगा है. हालात ये हैं कि ईंधन की कमी के बीच देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. आंकड़ों को देखें तो सबसे बड़े वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में डीजल का दाम (Diesel Price In Pakistan) सालभर के भीतर ही 61 फीसदी, तो पेट्रोल की कीमत (Petrol Price In Pakistan) 2022 के मुकाबले 48 फीसदी तक बढ़ गई है. देश के पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ नजर आ रही है.  

 LPG की कमी से हाहाकार
आटा-दाल-चावल हो या फिर पेट्रोल-डीजल इन सबसे साथ ही सबसे जरूरी चीज रसोई गैस यानी एलपीजी की किल्लत भी पाकिस्तन में परेशानी का सबसे बड़ा सबब बनती जा रही है. देश के कई शहरों में लोग बिना एलपीजी के जीवन बसर करने को मजबूर हैं. कीमतों की बात करें तो पाकिस्तान में कमर्शियल गैस सिलेंडर का दाम 10,000 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. हालात ऐसे बन गए हैं कि लोग एलपीजी की किल्लत से बचने के लिए प्लास्टिक बैग्स में रसोई गैस स्टोर कर रहे हैं. खैबर पख्तूनवा प्रांत से इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं. 

दवाओं की भारी किल्लत
पैसों की कमी के साथ ही पाकिस्तान में दवा (Medecines) की किल्लत भी शुरू हो गई है. लोगों को जरूरी दवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं. गौरतलब है कि Pakistan में भारत समेत अन्य देशों से जरूरी दवाओं की सप्लाई की जाती है. लेकिन फिलहाल देश में जो हालात पैदा हुए हैं, उनके चलते दवाओं की कमी भी शुरू हो चुकी है. भूख मिटाने के लिए जद्दोजहद करते पाकिस्तान के लोगों को बीमारी के इलाज के लिए भी तड़पना पड़ रहा है. 

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