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RBI के फैसलों से बहुरेंगे शहरी व ग्रामीण कोऑपरेटिव बैंकों के दिन, सहकारिता क्षेत्र के विकास को मिलेगी रफ्तार: अमित शाह

रिजर्व बैंक ने अपने दूसरे फैसले में ग्रामीण सहकारी बैंकों को (RCB) कामर्शियल रियल इस्टेट रेजिडेंशियल हाउसिंग क्षेत्र को ऋण प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है। इससे ये बैंक अब दूसरे कामर्शियल बैंकों से मुकाबला कर सकते हैं

नई दिल्‍ली, जागरण ब्‍यूरो। सहकारिता क्षेत्र के लिए आरबीआइ के ताजा फैसले से जहां शहरी व ग्रामीण बैंकों के दिन बहुरेंगे, वहीं सहकारिता से संबद्ध करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रिजर्व बैंक के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलेगी। सहकारी क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक निर्णय का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि मात्र एक वर्ष में ही सहकारिता क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किए गए हैं।

उन्होंने कहा,‘शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को दोगुना और ग्रामीण सहकारी बैंकों की सीमा को दोगुना से भी अधिक बढ़ाया गया है। इससे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को आवासीय ऋण लेने में आसानी हो जाएगी।’ अब टियर-1 अर्बन कोआपरेटिव बैंकों (UCB) के व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा 30 लाख से बढ़ाकर 60 लाख और टियर-2 यूसीबी के लिए यह सीमा 70 लाख से बढ़ाकर 1.40 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसी तरह ग्रामीण सहकारी बैंकों की सीमा 20 लाख व 30 लाख से बढ़ाकर क्रमश: 50 लाख और 75 लाख रुपए कर दी गई है।’

रिजर्व बैंक ने अपने दूसरे फैसले में ग्रामीण सहकारी बैंकों को (RCB) कामर्शियल रियल इस्टेट रेजिडेंशियल हाउसिंग क्षेत्र को ऋण प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है। इससे ये बैंक अब दूसरे कामर्शियल बैंकों से मुकाबला कर सकते हैं। तीसरे फैसले से शहरी सहकारी बैंक अपने ग्राहकों को अन्य कामर्शियल बैंकों की तरह ही ‘डोर स्टेप बैंकिंग’ की सुविधा प्रदान कर सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्र के सशक्तीकरण की अपार संभावनाएं

सहकारी क्षेत्र के विकास को नई गति देने वाले इन फैसलों के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने सहकारिता मंत्रलय और इस क्षेत्र से जुड़े करोड़ों लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में किसान, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के विकास और सशक्तीकरण की अपार संभावनाएं हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है। सहकारी बैंकों के माध्यम से आवासीय क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।’

 

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