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बरेली में टीबी चैंपियन अपनी टीम के संग खोजेंगे क्षय रोगी

जिले में सक्रिय करीब आठ हजार मरीजों का इलाज करने के साथ ही अब टीबी के नये मरीजों की खोज बुधवार से शुरू की जा रही है। टीबी चैंपियन अपनी टीम में शामिल आशा वर्करों एवं वालंटियर के सहयोग से मरीजों की खोज करेंगे। संभावित लक्षण होने पर उनके बलगम का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजेंगे। जांच रिपोर्ट में क्षय रोग की पुष्टि होने पर उनका इलाज किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, बरेली: जिले में सक्रिय करीब आठ हजार मरीजों का इलाज करने के साथ ही अब टीबी के नये मरीजों की खोज बुधवार से शुरू की जा रही है। टीबी चैंपियन अपनी टीम में शामिल आशा वर्करों एवं वालंटियर के सहयोग से मरीजों की खोज करेंगे। संभावित लक्षण होने पर उनके बलगम का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजेंगे। जांच रिपोर्ट में क्षय रोग की पुष्टि होने पर उनका इलाज किया जाएगा।

21वीं सदी के लिए भी क्षय रोग एक गंभीर चुनौती है। विश्व भर के टीबी मरीजों की संख्या का एक चौथाई हिस्सा केवल भारत में है। देश में टीबी मरीजों की कुल संख्या का पांचवा भाग उत्तर प्रदेश में है। जिले में वर्ष 2021 में पंजीकृत 16,003 क्षय रोगियों में से अब तक आठ हजार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इस वर्ष अब तक 2,423 रोगी पंजीकृत हुए हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. केके मिश्रा ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिग अभियान के अंतर्गत जिले की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत यानी कि 10,13,960 लोगों से पूछताछ की जाएगी। इसके लिए 411 टीमें लगाई गई हैं। प्रत्येक टीम में तीन-तीन सदस्य हैं। एक टीम को रोजाना कम से कम 50 घर विजिट करने होंगे। प्रत्येक पांच टीमों पर एक यानी कुल 82 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। प्रत्येक रोगी को इलाज पूर्ण होने तक 500 रुपये प्रतिमाह पोषण भत्ता दिया जाता है। जिला कार्यक्रम समन्वयक निखिल बंसल, जिला पीपीएम समन्वयक विजय कुमार, टीबी स्वास्थ्य परदर्शक मानस पांडेय एवं लेखाकार वरुण कुमार गुप्ता आदि रहे।

टीबी के लक्षण

दो हफ्ते से अधिक की खांसी एवं बुखार का आना, वजन कम होना, भूख कम लगना, सीने में दर्द आदि।

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