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Russia Ukraine War: यूक्रेन का ये इलाका बना जंग का टर्निंग पॉइंट, अगर रूस हारा तो मचेगी उथल-पुथल !

Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच जंग को कुछ दिन बाद 4 महीने हो जाएंगे. अब तक की लड़ाई में न जाने कितने निर्दोष नागरिकों और बच्चों ने जान गंवाई है. दोनों तरफ के हजारों जवानों की भी मौत हुई है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस जून के आखिर तक 40 हजार से अधिक सैनिकों को खो सकता है.

Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच जंग को कुछ दिन बाद 4 महीने हो जाएंगे. अब तक की लड़ाई में न जाने कितने निर्दोष नागरिकों और बच्चों ने जान गंवाई है.दोनों तरफ के हजारों जवानों की भी मौत हुई है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस जून के आखिर तक 40 हजार से अधिक सैनिकों को खो सकता है.

IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को एक वीडियो संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा, 'रूसी सेना डोनबास में रिजर्व सैनिकों को तैनात करने की कोशिश कर रही है. लेकिन वे अभी किस रिजर्व की बात कर सकते हैं? जून में रूसी नुकसान 40,000 सैन्य कर्मियों से अधिक हो सकता है. उन्होंने कई दशकों में किसी भी युद्ध में इतने सैनिकों को नहीं खोया है.'

डोनबास में चल रही भयंकर लड़ाई

जेलेंस्की ने आगे कहा कि वर्तमान में दो युद्धरत राष्ट्रों के बीच सबसे भयंकर लड़ाई डोनबास में अलगाववादी लुहान्स्क क्षेत्र के एक शहर सिविएरोडोनेट्सक में हो रही है. उन्होंने कहा, 'यूक्रेनी रक्षा बल यूक्रेनी भूमि के हर इंच के लिए लड़ रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि रूसी सेना भी लिसिचन्स्क, बखमुट और स्लोवियास्क पर आगे बढ़ रही है. इस बीच, लुहांस्क क्षेत्र के सैन्य प्रशासन ने कहा कि रूसी सेना रविवार के दौरान लिसिचांस्क और सिविएरोडोनेट्सक पर लगातार गोलीबारी कर रही है. रूसी गोलाबारी के कारण एक छह साल के बच्चे की मौत हो गई.

डोनबास ही होगा टर्निंग पॉइंट!

वहीं एपी की रिपोर्ट में कहा गया कि रूस हर दिन यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में बिना रुके हमले कर रहा है और अपने पड़ोसी देश के औद्योगिक क्षेत्र को कब्जे में लेने के लिए धीमी रफ्तार से ही सही, लेकिन लगातार आगे बढ़ रहा है. यूक्रेन में रूसी हमला करीब चार महीना पहले शुरू हुआ था और डोनबास की स्थिति पूरे युद्ध के परिणाम को प्रभावित कर सकती है. 

अगर रूस, डोनबास को कब्जे में ले लेता है तो इसका मतलब होगा कि यूक्रेन न केवल अपनी जमीन बल्कि शायद अपने सबसे सक्षम सैन्य बलों का एक बड़ा हिस्सा भी खो देगा. इससे रूस के लिए और क्षेत्र पर कब्जा करने की राह भी खुलेगी और वह यूक्रेन के आगे कई तरह की शर्तें भी रख सकता है. वहीं, अगर रूस को हार का सामना करना पड़ा तो यूक्रेन को जवाबी कार्रवाई का मौका मिल जाएगा और शायद क्रेमलिन में राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बन सकता है.

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