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तुर्की के ऊपर बीच हवा में टकरा सकते थे श्रीलंका और ब्रिटेन के विमान, पायलटों ने यूं टला बड़ा हादसा

275 यात्रियों को लेकर विमान हीथ्रो से कोलंबो जाने के लिए तुर्की हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। श्रीलंकाई विमान से कहा गया था कि वे जिस 33,000 फीट पर उड़ रहे थे, उससे 35,000 फुट ऊपर और बढ़ें।

सोमवार को उस समय एक बड़ा विमान हादसा टल गया जब हवा में दो विमान लगभग एक दूसरे के बेहद करीब आ गए। श्रीलंकाई एयरलाइंस ने बुधवार को इस घटना के बारे में जानकारी दी। इसने कहा कि उसके दो पायलटों ने बड़ी ही बहादुरी का काम दिखाते हुए हादसे को टाल दिया। एयरलाइंस ने लंदन से कोलंबो के लिए उड़ान भरने और विमान को सुरक्षित लैंड कराने के लिए अपने पायलटों की प्रशंसा भी की। \

खबरों के मुताबिक श्रीलंकाई एयरलाइंस का एक विमान तुर्की के ऊपर से गुजर रहा था तभी वह ब्रिटिश एयरवेज के विमान के बेहद करीब आने से बच गया। पायलटों की सतर्कता और विमान में अत्याधुनिक संचार और निगरानी प्रणाली के जरिए पायलटों ने संभावित टक्कर को रोक दिया।  

एयरलाइन ने एक बयान में कहा, "श्रीलंकाई एयरलाइंस यूएल 504 का संचालन करने वाले पायलटों की समय पर कार्रवाई की सराहना करती है, जिसने यूएल 504 पर सवार सभी यात्रियों, चालक दल और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित की।" यह स्पष्टीकरण तब जारी किया गया जब मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया था कि लंदन से कोलंबो के लिए उड़ान भरने वाले यूएल 504 ने तुर्की के हवाई क्षेत्र में एक बड़ी संभावित हवाई टक्कर टाल दी। 

रिपोर्टों में कहा गया है कि 275 यात्रियों को लेकर विमान हीथ्रो से कोलंबो जाने के लिए तुर्की हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। श्रीलंकाई विमान से कहा गया था कि वे जिस 33,000 फीट पर उड़ रहे थे, उससे 35,000 फुट ऊपर और बढ़ें। ठीक उसी समय, श्रीलंकाई विमान ने ब्रिटिश एयरवेज की एक विमान का पता लगाया, जिसमें 250 से अधिक लोग सवार थे, जो उनसे केवल 15 मील की दूरी पर 35,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। श्रीलंकाई एयरलाइंस ने अंकारा में हवाई यातायात नियंत्रण को इसकी सूचना दी। 

लेकिन अंकारा हवाई यातायात नियंत्रण ने दो बार गलती से कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और रूट क्लियर है। हालांकि इसके बावजूद श्रीलंकाई पायलटों ने ऊपर की ओर चढ़ने से इनकार कर दिया। मिनट बाद, हवाई यातायात ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए श्रीलंकाई विमान को ऊपर की ओर चढ़ाई नहीं करने की सूचना दी क्योंकि दुबई के लिए ब्रिटिश एयरवेज का विमान 35,000 फीट से ऊपर की उड़ान पहले से ही था। डेली मिरर अखबार ने बताया कि अगर यूएल कप्तान बताई गई ऊंचाई पर चढ़ गया होता, तो यूएल उड़ान को ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान के साथ टक्कर का सामना करना पड़ता, क्योंकि यह यूएल उड़ान की तुलना में तेज गति से उड़ रहा था।

इसमें कहा गया है कि यहां भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरने के बाद यात्री चालक दल के साथ सुरक्षित रूप से विमान से उतर गए और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

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