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बांग्लादेश बाढ़ ने मचाई तबाही: 60 लाख लोग प्रभावित; राहत व बचाव के लिए सेना को बुलाया गया

बांग्लादेश बारिश के बाद आई बाढ़ का पानी कई बिजली घरों में भर गया है जिसके कारण प्रशासन को इन बिजली घरों को बंद करना पड़ा है जिसके कारण इंटरनेट और मोबाइल फोन कम्यूनिकेशन भी बंद हो गए हैं।

बांग्लादेश में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ की वजह से त्राहिमाम मचा हुआ है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि राहत व बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया गया है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, मकानों में पानी घुस जाने के कारण करीब 60 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और देश के उत्तरी-पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र की नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण कई लोग अस्थाई शिविरों में रूके हुए हैं।

बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी केन्द्र (FFWC) के प्रवक्ता ने कहा, 'देश की चार प्रमुख नदियों में से दो नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से बहुत ऊपर है और हालात लगभग 2004 के बाढ़ जैसे हैं।' कई लोगों को सुनामगंज में पानी भरने के बाद छतों पर शरण लेना पड़ा था, हालांकि बाद में नावों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।

बाढ़ के कारण कितने लोगों की मौत हुई है इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। अनौपचारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई है। एफएफडब्ल्यूसी ने मेघालय और बांग्लादेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश को इस बाढ़ का कारण बताया है।जिसको देखते हुए बांग्लादेश ने सेना को प्रशासन की मदद के लिए बुलाया है।

बांग्लादेश में बाढ़ से 15 लाख से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं और उनके लिये जलजनित बीमारियों, डूबने और कुपोषण का ख़तरा बढ़ा है. 

यूएन एजेंसी के अनुसार बांग्लादेश पूर्वोत्तर में पाँच ज़िलों – सिलहट, सूनामगंज, हबीगंज, नेत्रोकोना और मौलवीबाज़ार – में बाढ़ से, 40 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.   

सिलहट और सूनामगंज सर्वाधिक प्रभावितों में हैं, जहाँ पानी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है, कृषि भूमि व बिजली स्टेशन व स्कूल समेत अन्य अहम बुनियादी ढाँचे जलमग्न हैं.

बांग्लादेश में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि शेल्डन यैट ने कहा, “ज़िन्दगियों, घरों और स्कूलों को पहुँची क्षति हृदयविदारक है. इस आपदा में, अधिकांश अन्य की तरह, बच्चे सर्वाधिक नाज़ुक परिस्थितियों में हैं.” 

बताया गया है कि हैज़ा, श्वसन तंत्र संक्रमण और त्वचा की बीमारी होने के मामलों का पता चला है और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से कम से कम तीन बच्चों की मौत हो गई है.

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