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उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मंकी पॉक्स एंटी एडवाइजरी जारी

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मंकी पॉक्स एंटी एडवाइजरी जारी

** उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मंकी पौक्स एंटी एडवाइजरी जारी

** मंकी पौक्स के लक्षण दिखाई देने पर शीघ्र सरकारी अस्पतालों में सम्पर्क करें।

** जानवरों के सम्पर्क में आने से बचें।

           मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा मंकी पौक्स की एडवाइजरी जारी कर दी है जिसमें सैंम्पल कलैक्शन, ट्रान्सपोरटेशन, एवं एस ओ पी अनुपालन के लिए निर्देशित किया है।

            मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मंकी पौक्स एक वायरस जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होती हुई कभी कभी अन्य क्षेत्रों में भी फैलती हुई देखी गई है।

       मंकी पौक्स मरीजों में अधिकांशतः बुखार, चकत्ते, सूजी हुई लिम्फनोड्स ( गले में गिल्टी ) जैसे लक्षण पाए जाते हैं। ये बीमारी स्वसीमित बीमारी है जिसके लक्षण सामान्यतः 2 से 4 सप्ताह में दिखाई देते हैं परन्तु कुछ मरीज गम्भीर रूप से भी बीमार हो सकते हैं।

        मंकी पौक्स जानवरों से मानवों में अथवा एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है इसमे कटी फटी त्वचा और स्वांसनली या म्यूकोसा जो कि आंख कान या मूंह के माध्यम से शरीर में फैलता है।

       मंकी पौक्स जानवरों से मानवों में संचरण जानवरों के काटने या खरोंचने जंगली जानवरों के मांस खाने शारीरिक द्रव्यों या घाव के पदार्थ के साथ सीधे सम्पर्क या घाव पदार्थ के साथ अप्रत्यक्ष सम्पर्क जैसे दूषित विस्तर के माध्यम, संक्रमित कपड़ों से भी फैलता है।

       मंकी पौक्स के लक्षण चेचक या आर्थोपौक्स वायरस से मिलते जुलते हैं । मंकी पौक्स चेचक की तुलना में कम संक्रमक है । इसका इन्कयूजेशन पीरियड 7 से 14 दिन का होता है कभी कभी 5 से 21 दिन का भी हो सकता है ।

          मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मंकी पौक्स के परिप्रेक्ष्य में आगरा की जनता से अपील की है कि इस बीमारी की सम्भावना जानवरों के माध्यम से भी है तो विशेष तौर पर जंगली जानवरों के मांस खाने से बचें और पालतू जानवर से भी एक निश्चित दूरी बनाकर रखें ताकि आपके शरीर से दूर ही रहें तो उचित होगा जानवरों के शरीर में लगे घावों के सम्पर्क में न आवें।

           मंकी पौक्स के किसी भी प्रकार की कोई सम्भावना होने पर जिसमें आपको दिये लक्षण दिखाई देते हैं तो शीघ्र ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय परीक्षण और सलाह लें सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं और इलाज बिल्कुल मुफ्त है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग 24 घन्टे जनता की सेवा में तत्पर हैं।

 

                        अमित कुमार

       जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी

                          आगरा

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