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CBI Raid: बंधु तिर्की समेत दिग्गजों के ठिकानों पर फिर छापा... 28.34 करोड़ का खेल घोटाला... सीबीआइ खंगाल रही दस्तावेज

CBI Raid 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में सीबीआइ की टीम ने पुन शुक्रवार को कई जगह एकसाथ छापेमारी की है। इसमें खेल मंत्री रह चुके बंधु तिर्की का आवास भी शामिल है। छापेमारी में कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसकी जांच सीबीआइ कर रही है।

  • रांची, डिजिटल डेस्क। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में 28.34 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने एकबार फिर शुक्रवार को कई दिग्गजों के ठिकानों पर छापेमारी की है। सीबीआइ की यह छापेमारी तीन राज्यों में हो रही है। इसमें पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की का आवास भी शामिल है। गुरुवार को भी सीबीआइ ने बिहार, झारखंड, दिल्ली में 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआइ की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। सभी ठिकानों से बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अधिकारी इसकी छानबीन कर रहे हैं। इस मामले में किसी भी क्षण आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकती है।
  • झारखंड, पटना और दिल्ली में एक साथ छापेमारी

    गुरुवार को सीबीआइ ने झारखंड के रांची, धनबाद, बोकारो, गोड्डा और दुमका जिले में छापेमारी की थी। इसी तरह बिहार के पटना और दिल्ली में छापेमारी हुई थी। इस घोटाले में सबसे बड़ा चेहरा पूर्व मंत्री बंधु तिर्की और आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रहे आरके आनंद शामिल हैं। खेल संघ के कई अधिकारियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई चल रही है। गुरुवार को सीबीआइ ने भारी संख्या में दस्तावेज बरामद किए थे। छापेमारी के दौरान एनजीओसी के कार्यालय का ताला तोड़कर सीबीआइ के अधिकारी अंदर घुसे थे।

  • बिना टेंडर के खर्च कर दिए करोड़ों रुपये

    इस घोटाले में झारखंड के तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा, आयोजन समिति के तत्कालीन संगठन सचिव एसएम हाशमी और झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक व उनके सहयोगी भी आरोपित हैं। आरोप है कि आरोपितों ने खेल आयोजन के लिए ऊंची कीमत पर खेल सामग्री की खरीदी की थी। यही नहीं काम्प्लेक्स निर्माण में भी अनियमितता बरती थी। यह आयोजन झारखंड में वर्ष 2011 में 22 से 26 फरवरी तक हुआ था। इसे 34वां राष्ट्रीय खेलों का आयोजन नाम दिया गया था। नियम दरकिनार कर आरोपितों ने बिना निविदा के ही सामग्री की खरीदारी की थी। मेगा स्पोटर्स कांप्लेक्स का निर्माण 206 करोड़ के बदले 424 करोड़ रुपये में कराया था। बगैर निविदा के बिरसा मुंडा एस्टोटर्फ हाकी स्टेडियम में 11 करोड़ की लागत से हाई मास्ट लाइट लगाने का काम किया था। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों पर एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर 22 अप्रैल 2022 को सीबीआइ में दो प्राथमिकियां दर्ज हुई थीं। आरोप है कि आरोपितों ने पद का दुरुपयोग किया। विश्वासघात किया। धोखाधड़ी की। आपराधिक साजिश रची। फर्जी दस्तावेज पेश कर रुपयों की निकासी की।

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