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जम्मू-कश्मीर पर खुफिया रिपोर्ट: 200 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में

नियंत्रण रेखा के पार इन लॉन्च पैड्स के बारे में इनपुट महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दो साल के अंतराल के बाद हिंदुओं की अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हुई। यह 43 दिनों तक चलेगी।

जम्मू-कश्मीर में 200 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पीओके स्थित लॉन्च पैड पर यह आतंकवादी घुसपैठ के इंतजार में हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने खुफिया इनपुट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, सीमा सुरक्षा बल BSF और सेना की LoC पर पेट्रोलिंग और अधिक बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए सुरंग और नदी रास्ते की योजना बना रहे हैं। इन आतंकवादियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) से है।
पूर्व में आतंकवादियों की ओर से घुसपैठ के लिए अपनाए जाने वाले रास्तों का पर्दाफाश होने की वजह से वे सुरंग और नदी इलाकों से घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अब राजौरी-पुंछ मार्ग, पीर पंजाल के दक्षिण के इलाकों से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। घुसपैठ के लिए अब इनका फोकस काफी हद तक पीर पंजाल के दक्षिण में चला गया है वहीं कश्मीर घाटी में घुसपैठ अन्य मार्गों की तुलना में कम हुई है।
नियंत्रण रेखा के पार इन लॉन्च पैड्स के बारे में इनपुट महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा दो साल के अंतराल के बाद 30 जून को शुरू हुई है और लाखों तीर्थयात्री केंद्र शासित प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। इस साल अब तक घाटी में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की अधिकांश कोशिशों को नाकाम कर दिया गया है। वहीं घुसपैठ के प्रयास में कई आतंकवादी मारे गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि इस साल 28 जून तक 121 आतंकवादी मारे गए और अधिकतम संख्या लश्कर (68), जेएम (29) और एचएम (16) से जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स की थी, जबकि विदेशी आतंकवादियों की संख्या लगभग शून्य थी। मारे गए 121 आतंकवादियों में से सात अज्ञात थे और एक इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर (आईएसजेके) का था।
 

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