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सौ दिन की पृष्टभूमि 

डॉ दिलीप अग्निहोत्री 

लखनऊ। सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड जारी करना चुनौती पूर्ण होता है.क्योंकि इस अल्प अवधि में उनके पास उपलब्धियों के नाम पर कुछ खास नहीं होता है. योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले कार्यकाल में ही सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था. दूसरे कार्यकाल में भी उन्होंनें अपने द्वारा स्थापित परम्परा का निर्वाह किया. दोनों बार उन्होंने दिखा दिया कि संकल्प शक्ति हो तो सौ दिन भी कम नहीं होते. अधिकांश सरकारों के लिए तो यह अवधि विजय जश्न की खुमारी मिटाने का होता है. उसी अंदाज में उनके कार्यकर्ताओं का उत्साह प्रदर्शित होता है. योगी आदित्यनाथ ने इस परम्परा का समापन कर दिया. उन्होंने सत्ता को दायित्व निर्वाह के रूप में स्वीकार किया. मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं तक यही संदेश गया. शपथ ग्रहण करने के बाद ही योगी आदित्यनाथ संकल्प से सिद्धि की साधना में लग गए. यही कारण था कि मतदाताओं ने लगातार दूसरी बार उनको सरकार चलाने का जनादेश सौपा. चार दशक बाद किसी मुख्यमन्त्री को यह प्रतिष्ठा मिली है. उन्होंने पिछले कार्यकाल में भी सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था.इसमें अनेक बड़े निर्णयों का उल्लेख था. साथ ही व्यवस्था के सुधार पर फोकस था.योगी को विरासत में बदहाल व्यवस्था मिली थी. इसको बेहतर बनाना योगी की शीर्ष प्राथमिकता में था. उन्होने पिछली सरकार के शुरुआत में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया था. इस बार उन्होंने अपने सभी मंत्रियों की जिम्मेदारी व जबाबदेही का निर्धारण कर दिया था. उनका कहना था कि दुबारा मिले जनादेश ने जिम्मेदारी भी बढा दी है। पिछले कार्यकाल के मुकाबले अब अधिक तेजी से कार्य करना होगा. योगी आदित्यनाथ के अनुसार उनका मुकाबला अपनी ही पिछली सरकार से है। पिछले पांच वर्षों के मुकाबले अगले पांच वर्षों में अधिक कार्य करके दिखाना है। उपलब्धियों के स्तर पर सपा बसपा के संयुक्त कार्यकाल को बहुत पीछे छोड़ दिया गया है। ऐसे में उसकी प्रतिस्पर्धा अब उन सरकारों से संभव ही नहीं है। सुदृढ़ व्यवस्था के आधार पर ही  दूसरे कार्यकाल के सौ दिन में ही तीसरी अभूतपूर्व ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन सम्भव हुआ.प्रधानमंत्री द्वारा 
चौदह सौ से अधिक अस्सी हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत की परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया। दशकों बाद उत्तर प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बना है।
देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने की योजना पर कार्य चल रहा है.इसमें उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है।  इसके लिए विभिन्न विभागों को दस सेक्टर में विभाजित कर राज्य की अर्थव्यवस्था को एक  ट्रिलियन डॉलर बनाने की कार्य योजना बनायी है। विभिन्न सेक्टर्स के लिए सौ दिन,छह माह, एक वर्ष दो वर्ष तथा पांच वर्ष की कार्य योजना तैयार की गयी है। गंगा एक्सप्रेस-वे का कार्य तेजी से चल रहा है। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य भी आगे बढ़ रहा है। अलीगढ़,आजमगढ़, चित्रकूट,म्योरपुर तथा श्रावस्ती में विकसित हवाई अड्डों के संचालन एवं प्रबन्धन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया से एमओयू किया गया है। अगले कुछ महीनों में यह एयरपोर्ट संचालित होने जा रहे हैं। पांच वर्ष पहले योजनाओं के क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर पर यूपी का कोई स्थान नहीं रहता था। अब पचास योजनाओं में यूपी नम्बर वन है। विकास के कई बिंदुओं पर तो योगी सरकार का एक कार्यकाल सत्तर वर्षों पर भारी है। दूसरी पारी की शुरुआत में ही योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सुशासन संबन्धी दिशा निर्देश दिए थे। सरकार ने अपना मन्तव्य स्पष्ट कर दिया। कानून व्यवस्था की सुदृढ़ रखने के साथ ही विकास कार्यों में तेजी कायम रखी जायेगी। सरकार जन अकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश सरकार राज्य में सुशासन,सुरक्षा, विकास एवं राष्ट्रवाद को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनाव के पहले जारी लोक कल्याण संकल्प के सभी संकल्प बिन्दुओं को आगामी पांच वर्षाें में लक्ष्यवार एवं समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा।  बेहतर कानून व्यवस्था,इक्कीस सेक्टरवार नीतियां लागू करने, निवेश एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने, एक जनपद एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आदि के क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ.पांच वर्ष में राज्य की जीडीपी में दोगुनी वृद्धि हुई है। प्रति व्यक्ति आय में भी लगभग दोगुने की वृद्धि दर्ज की गयी है। राज्य का बजट दो गुना बढ़ गया है.  लोक कल्याण संकल्प पत्र के संकल्पों में से अधिकांश को वर्तमान बजट में सम्मिलित किया गया है। एक जनपद एक उत्पाद योजना प्रदेश को एक्सपोर्ट का हब बना रही है। राज्य से इस वर्ष डेड लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है। दशकों से लम्बित बाणसागर,अर्जुन सहायक,मध्य सरयू नहर परियोजनाओं सहित एक दर्जन सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कर प्रदेश में इक्कीस लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की गयी है। प्रोक्योरमेन्ट पॉलिसी के अन्तर्गत किसानों से सीधी खरीद एवं लागत का डेढ़ गुना मूल्य प्रदान करने का कार्य किया गया। गन्ना किसानों को करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। किसान सम्मान निधि में प्रदेश के ढाई करोड़ किसानों को हस्तान्तरित की गई. विगत दो वर्ष में प्रदेश के चौतीस लाख परिवारों को घरौनी वितरित की जा चुकी है। प्रदेश में ग्राम सचिवालय की परिकल्पना साकार हो रही है। ग्राम सचिवालय को बेहतरीन इण्टरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। बैंकिंग कॉरेस्पॉण्डेण्ट से गांव में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। वर्तमान में नौ एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। दस पर कार्य चल रहा है। दिमागी बुखार पर नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश को कालाजार नियंत्रण के लिए भारत सरकार का प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ.दिमागी बुखार से पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित राज्य के अड़तीस जनपद प्रभावित थे। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में इस पर प्रभावी नियंत्रण किया जा चुका है। ई-विधान लागू कर विधान सभा को आधुनिक तकनीक से जोड़ने वाला पहला राज्य बना है. पेंशन प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए ई-पेंशन की व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। धर्म स्थलों से स्वतःस्फूर्त भाव से करीब सवा लाख लाउडस्पीकर हटाये गये अथवा उनका वॉल्यूम कम किया गया. ऐसा पहली बार हुआ। वर्तमान में सड़कों पर सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होते। अलविदा की नमाज, ईद,रामनवमी के कार्यक्रम सड़कों पर प्रदर्शन के माध्यम से नहीं शालीनता से सम्पन्न हुए।  उत्तर प्रदेश डाटा सेन्टर नीति के अन्तर्गत चार नये डाटा सेन्टर पार्क स्थापित हो रहे हैं।
 वृहद ऋण मेले के माध्यम से करीब दो लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं उद्यमियों को सोलह हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। सौ दिन के कार्यकाल में सत्रह लाख से अधिक युवाओं को टैबलेट स्मार्टफोन वितरित किये जा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली व दीपावली के अवसर पर एलपीजी सिलेण्डर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाए। वृद्धावस्था
निराश्रित महिला एवं दिव्यांगजन पेंशन को एक हजार रुपये किया गया है. सौ दिनों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थियों की संख्या में एक लाख की वृद्धि हुई है। सौ दिन में गन्ना किसानों को बारह हजार करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया। आठ कृषकों को चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का फसली ऋण वितरित किया गया है। अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के सभी गांवों में पचहत्तर पचहत्तर वृक्ष लगाने की योजना है। राज्य सरकार का इस वर्ष कुल पैंतीस करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य है।

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