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Boris Johnson: मोदी के दोस्त बोरिस जैसे सत्ता में आए थे, वैसे ही चले गए, ब्रिटेन में दोहराया जा रहा इतिहास, एक नजर जॉनसन के सफर पर

ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए पूरी तरह लॉकडाउन लगाने में कथित देरी को लेकर व्यापक आलोचनाओं के बीच जॉनसन इस स्थिति से उबरते दिखे और देश के कोविड-19 टीकाकरण अभियान को व्यापक रूप से सफल बताया गया।

 

लंदन : ब्रिटेन के इतिहास के सबसे बड़े उतार-चढ़ाव में से एक में प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जॉनसन का कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो गया। उन पर अपने ही कैबिनेट मंत्रियों ऋषि सुनक तथा साजिद जाविद के अचानक इस्तीफे के बाद से दबाव बढ़ गया था। भारत-ब्रिटेन के मजबूत संबंधों के पैरोकार रहे जॉनसन को नई दिल्ली में नि:संदेह न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीबी मित्रता के लिए बल्कि इस साल दिवाली की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत के लिए जोर देने के लिए भी याद किया जाएगा।

जॉनसन ने डाउनिंग स्ट्रीट की सीढ़ियों पर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए संबोधन में कहा, 'जैसा कि हमने वेस्टमिंस्टर में देखा, मनुष्य की अपने आसपास के लोगों की तरह व्यवहार करने की प्रवृत्ति मजबूत होती है और जब ऐसा होता है तो राजनीति में दूर-दूर तक कोई भी अपरिहार्य नहीं है और हमारी शानदार डार्विन प्रणाली एक और नेता देगी, जो इस देश को मुश्किल वक्त से निकालने में इतना ही प्रतिबद्ध होगा।'

सत्ता में जैसे आए वैसे ही गए जॉनसन
जॉनसन ने अपने इस्तीफे के लिए पार्टी के सहयोगी नेताओं के दांवपेचों को जिम्मेदार ठहराया। रोचक तथ्य यह है कि लंदन में यूएक्सब्रिज और साउथ रुईस्लिप के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के 58 वर्षीय सांसद ने जुलाई 2019 में जब 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कामकाज संभाला था तो खुद भी तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे के खिलाफ इसी तरह के अभियान की अगुवाई की थी। थेरेसा मे की कैबिनेट में विदेश मंत्री रहे जॉनसन ने यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ थेरेसा मे के ब्रेग्जिट संबंधी समझौते के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पद छोड़ दिया था।

ब्रेग्जिट का वादा लेकर सत्ता में रखा कदम
दिसंबर 2019 में हुए मध्यावधि आम चुनाव में ब्रिटेन के मतदाताओं ने टोरी पार्टी के नेता जॉनसन को शानदार जनादेश दिया और वह बड़े बहुमत से विजयी हुए। जॉनसन ने घोषणा की थी, 'हम देश में ऊर्जा फूंकने वाले हैं और हम ब्रेग्जिट कराके रहेंगे।' ब्रिटेन के आम चुनाव में मिली भारी जीत के बाद दिए पहले भाषण में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्जिट अध्याय को समाप्त करने और लोगों के भरोसे पर खरा उतरने के लिए दिन-रात काम करने का आह्वान किया था।

हेल्थ सर्विस को बताया सबसे बड़ी प्राथमिकता
उन्होंने कहा, 'यह देश अब ब्रेग्जिट के मामले में विराम और स्थायी विराम चाहता है।' जॉनसन ने स्वीकार किया कि दिसंबर में हुए चुनाव का प्रभाव करीब एक सदी तक रहेगा, जिसमें उन्होंने यूरोपीय संघ से अलग होने में पिछली सरकार को आ रही परेशानी को दूर करने का आह्वान किया था। ब्रेक्जिट से आगे की योजना को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा था कि वह इस 'असाधारण' जनादेश का उपयोग देश को एकसाथ लाने में करेंगे। जॉनसन ने स्वीकार किया था कि सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ब्रिटिश लोगों की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

विवाद और आलोचनाओं से पुराना नाता
ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए पूरी तरह लॉकडाउन लगाने में कथित देरी को लेकर व्यापक आलोचनाओं के बीच जॉनसन इस स्थिति से उबरते दिखे और देश के कोविड-19 टीकाकरण अभियान को व्यापक रूप से सफल बताया गया। हालांकि दो बार लंदन के मेयर रहे इस नेता के लिए विवाद और आलोचनाओं से नाता बना रहा। चाहे मामला उनके निजी जीवन का हो या फिर कथित विवाहेतर संबंधों अथवा राजनीतिक चूक का।

Boris Johnson

 


पार्टीगेट से जॉनसन को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
प्रधानमंत्री रहते हुए उनके लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक मामला पार्टीगेट कांड रहा। इसमें कोविड लॉकडाउन के बीच डाउनिंग स्ट्रीट में नियमों का उल्लंघन करते हुए पार्टी के आयोजन और जॉनसन की उसमें भागीदारी का खुलासा हुआ। डाउनिंग स्ट्रीट में 19 जून, 2020 को एक जन्मदिन के आयोजन के लिए स्कॉटलैंड यार्ड ने जुर्माना लगाया, वहीं इस मसले पर संसद में उनके बार-बार माफी मांगने के बाद भी विवाद जल्द नहीं थमा।

वित्त और स्वास्थ्य मंत्रियों ने छोड़ा साथ
इसके मद्देनजर उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं से अविश्वास मत का सामना करना पड़ा लेकिन जून की शुरुआत के इस घटनाक्रम में अपने मंत्रिमंडल के समर्थन के कारण वह इसमें बच गये। हालांकि उनकी समस्याएं थमी नहीं और कुछ ही सप्ताह के भीतर उनके करीबी सहयोगियों में गिने जाने वाले भारतीय मूल के पहले वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने गत मंगलवार शाम को पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। इससे कुछ ही देर पहले स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद पद से इस्तीफा दे चुके थे और उन्होंने संसद में जोरदार भाषण में कहा था कि पार्टीगेट और अन्य स्कैंडलों के बाद वह डाउनिंग स्ट्रीट को ‘संदेह का लाभ’ नहीं दे सकते और वह मानते हैं कि दिक्कत शीर्ष स्तर से है।ब्रिटेन में दोहराया जा रहा इतिहास
कुछ दिन पहले ही क्रिस पिंक्चर को यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बावजूद डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किए जाने के जॉनसन के फैसले की निंदा हुई थी। पूर्व पत्रकार और स्तंभकार जॉनसन को अंतत: पार्टी नेता का अपना पद छोड़ना पड़ा और इस घटनाक्रम ने उनके पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों थेरेसा मे तथा डेविड कैमरन के पद छोड़ने की परिस्थितियों की याद ताजा कर दी।

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