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राम बारात की आड़ में हरे पेड़ों को काटना सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों से खिलवाड़ - हिन्दू महासभा 

सन्तोष शर्मा - आगरा

आगरा । उत्तर भारत की सुप्रसिद्ध राम बारात 21 सितंबर को निकाली जा रही है । राम बारात के लिए जनक पूरी का निर्माण दयालबाग क्षेत्र में किया गया है । माना जा रहा है की इस बार की राम बारात इतिहास की सबसे भव्य और दिव्य आयोजन का रुप धारण करेगी । 
      दुर्भाग्य का विषय है कि राम बारात को भव्य और दिव्य बनाने के लिए अनेक प्रकार की अनियमितताओं को अंजाम दिया जा रहा है , साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को भी हवा में उड़ाया जा रहा है ।  इन्ही अनियमितताओं में से एक है बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों का काटा जाना ।  जनक पूरी कमेटी के पदाधिकारियों की पूरी दबंगई से हरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है । पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को पहुंच रहे नुकसान से पर्यावरण प्रेमियों और आम नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है ।
    प्राप्त जानकारी के अनुसार जनकपुरी कार्यालय के ठीक सामने और आसपास के इलाकों से बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों को काट दिया गया । क्या वन विभाग की जानकारी में यह तथ्य नहीं आया होगा ? अवश्य आया होगा , किंतु वन विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बने बैठे हैं । प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि कहीं जनक पूरी कमेटी और वन विभाग अधिकारियों की मिली भगत से हरे पेड़ों की कटाई हो रही है । हरे पेड़ों की कटाई का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । इस वीडियो ने अक्रोशित पर्यावरण प्रेमियों और आम नागरिकों के आक्रोश को भड़काने में आग में घी का काम किया है । सोशल मीडिया के माध्यम से आम नागरिक अपना गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं ।
        हिन्दू महासभा के शीर्ष नेता पर्यावरण प्रेमी रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने जनक पूरी कमेटी के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए हरे पेड़ों की कटाई के आरोपियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है।
       रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि उनका उद्देश्य राम बारात के आयोजन में बाधा उत्पन्न करना नहीं , बल्कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों को दंडित करवाना है , ताकि भविष्य में  कोई इस तरह का दुस्साहस ना कर सके । उन्होंने कहा कि दोषियों को दंड न मिलने का अर्थ होगा कि आगरा में कानून व्यवस्था लुप्त हो चुकी है ।
       वहीं हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा ने भी हरे पेड़ों को काटने की निंदा करते हुए कहा है  कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरे पेड़ काटने पर प्रतिबंध लगा रखा है । जनक महोत्सव कमेटी ने बिना अनुमति प्राप्त किए हरे पेड़ कटवाकर सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के उल्लंघन का गंभीर अपराध किया है । भारत सरकार भी पर्यावरण की सुरक्षा और हरे पेड़ों को बचाने के लिए जन जागरूकता पर करोड़ों रुपए विज्ञापन और प्रचार प्रसार पर व्यय करती है । जनकपुरी महोत्सव कमेटी ने भारत सरकार के इस अभियान को भी ठेंगा दिखाने का दुस्साहस किया है ।
      जनक पुरी महोत्सव कमेटी के पदाधिकारियों पर मीडिया को गुमराह करने का भी आरोप लग रहा है । जनकपुरी महोत्सव कमेटी के पदाधिकारियों ने आगरा के दैनिक समाचार पत्रों के अलावा इलैक्ट्रिक मीडिया संस्थानों को गुमराह किया है । धार्मिक कार्यक्रम के नाम पर छल का खेल कमेटी पदाधिकारियों को शोभा नहीं देता । मीडिया लोकतंत्र का चौथा और एक सशक्त स्तंभ है , जिसे  गुमराह करना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का सरासर अपमान है ।

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