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प्रधानमंत्री के साथ रोजगार मेला में वर्चुअल मीटिंग का हिस्सा बनने जा रही आगरा की आरती

आगरा

आगरा । लहरों से डरकर नौकर पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती... हरिवंश राय बच्चन की कविता उन बच्चों पर सटीक बैठती है जो मुसीबतों से जूझते हुए भी अपनी पहचान बना ही लेते हैं। उन्हीं में से एक है आरती आजाद नाम की बच्ची जिसने आसमां को छूने के ख्वाब देखे थे और उन सपनों को पूरा कर दिखाया। आरती आज़ाद का सलेक्शन CISF में कांस्टेबल के पद पर हुआ है और आज प्रधानमंत्री मोदीजी के साथ रोजगार मेला में virtual meeting का हिस्सा बनने जा रही है।
    सेवला की नंदपुरा बस्ती की आरती के लिए ये सफर बहुत कठिन था क्यूंकि वो ऐसे माहौल में रहती है जहां 8वीं पढ़ते ही बेटियों के हाथ पीले कर दिए जाते हैं कुछ ऐसा ही आरती के साथ भी होता अगर आरती की मां अनीता आज़ाद ने हर कदम पर अपनी बेटी का साथ न दिया होता। आरती एक जूता कारीगर के बेटी है और उसकी मां अनीता yeswecan संस्था में नौकरी करती हैं। संस्था ने पिछले 6 सालों में 450 बच्चों का एडमिशन कई सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में करवाया है साथ ही 18एडमिशन RTE (राइट टू एजुकेशन) के तहत पिछले 2वर्षों में करवाए हैं। संस्था बाल मजदूर बच्चों को शिक्षित करने का कार्य करती है पिछले 6वर्षों में जूता कारीगर, किसान और मजदूरों के बच्चों को स्कूल की राह दिखाई है।
आरती की ट्रेनिंग से लेकर उसकी पढ़ाई तक का ख़र्चा संस्था द्वारा वहन किया गया। एग्जाम देने जाते समय एक्सीडेंट होने पर आरती की मां और भाई को काफ़ी चोट आने पर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया और आरती की हिम्मत को नहीं टूटने दिया। अपने सारी हिम्मत और हौसले को समेट आरती ने अपने साथ साथ Yeswecan संस्था के हर बच्चे के सपनों में रंग भरे हैं जिन्हें पूरा करने का ख्वाब वो सभी देख रहें हैं। सेवला के बस्ती से एक सितारे आरती आज़ाद ने उन सभी बेटियों को शिक्षा की रौशनी दिखाई है जो हिम्मत हार कर अपने सपनों को अधूरा छोड़ देती हैं।

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