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राज्यपाल के दिशानिर्देशों से मिली सफ़लता 

डॉ दिलीप अग्निहोत्री 

लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल विश्वविद्यालयों की नैक तैयारियों का स्वयं अवलोकन करती हैं. इसके अंतर्गत वह कमियों की ओर इंगित करती है.इनके निराकरण का निर्देश देती है. इस संबंध में पिछले दिनों उनकी पंजाब चंडीगढ़ यात्रा में 
नौ कुलपति भी गए थे. वहाँ उन्होंने ए और ए प्लस विश्वविद्यालयों का भ्रमण किया था. राज्यपाल ने कुलपतियों को वहाँ की बेहतर व्यवस्था को देखने समझने और अपने यहां उनके क्रियान्वयन का निर्देश दिया था. इसके अलावा राज्यपाल की पहल पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था.इस प्रकार के प्रयासों से विश्वविद्यालयों की नैक त्यौरियां आगे बढ़ी हैं.चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,नैक मूल्यांकन में ‘बी’ ग्रेड प्राप्त करने वाला देश का पहला कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बन गया है। इसके लिए 
आनन्दीबेन पटेल ने
कुलपति प्रो डी आर सिंह और उनकी टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अपनी तैयारियों की जानकारी प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ साझा करें,जिससे वे नैक मूल्यांकन के लिए अपनी एसएसआर दाखिल करने से पहले आवश्यक सुधार कर सकें। उन्होंने कहा कि नैक तैयारी के लिए गठित कमेटी को स्थायी रूप से
कार्य करना चाहिए.टीम में नवनियुक्त शिक्षकों तथा कर्मचारियों को भी जोड़ाना चाहिए,जिससे वह सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की जगह कार्यों को निरन्तर जारी रख सकें। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता बढ़ाने, एल्युमुनाई नेटवर्क बेहतर करने,अपने उत्पादों का प्रदर्शन स्थल बनाने,अपनी उपलब्धियों और एल्युमुनाई के चित्रों की वॉल बनाने, शोधकार्यों का ग्रामीण स्तर पर उपयोग बढ़ाने, विश्वविद्यालयों से परस्पर सहयोग स्थापित और शिक्षक-विद्यार्थी संवाद के प्रयास करने चाहिए.

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