ताजनगरी में अपने ही अपनों की ले रहे जान, 7माह में हत्या की 41 वारदातें
धर्मेंद्र सिंह
आगरा। गिलट पायल कारोबारी नवीन वर्मा की गर्दन आठ साल पुराने दोस्त ने धड़ से अलग कर दी। बिल्डर राजीव गुप्ता को लेने-देने के विवाद में 25 साल पुराने दोस्त अशोक तोमर ने गोली से उड़ा दिया। फैशन ब्लागर रितिका सिंह को हाथ-पैर बांधकर पति ने चौथी मंजिल से फेंक दिया। प्रेमिका ने पैर पकड़े, सहेली ने हाथ और पति ने चाकू से प्रहार करके प्रीति को मार डाला। यह तो सिर्फ चंद उदाहरण हैं। ताजनगरी में अपने ही अपनों की जान ले रहे हैं।
एक जनवरी 2022 से 31 जुलाई 2022 तक आगरा में हत्या की 41 वारदातें हुई हैं। चार हत्याएं बदमाशों ने की हैं। शेष 37 हत्याओं में अपने ही कातिल निकले हैं। यह देख पुलिस भी हैरान है। अपने ही जान लेने लगें तो पुलिस कुछ नहीं कर सकती।
पहले संयुक्त परिवार थे। अब एकल परिवार हैं। पहले बच्चे दादा-दादी से कहानियां सुना करते थे। अब वेबसीरिज देखते हैं। देर रात तक ऑन लाइन रहते हैं। फिल्मों और सीरियल में जैसा देखते हैं वैसा ही सोचने लगते हैं। पहले पड़ोसी रिश्तेदारों से बढ़कर होते थे। अब लोगों को यह नहीं पता है कि पड़ोस में कौन रहता है। घर के बुजुर्ग वृद्धाश्रम में रहने लगे हैं। अब सामाजिक व जीवन मूल्यों के मायने बदल गये। पहले कोई एकाध ही डिफाल्टर होता था। अब लोगों की नीयत में खोट आ गया है। किसी से रुपये ले लें तो वापस नहीं करना चाहते। अपनी खुशी के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। दूसरों की पत्नियों पर बुरी नजर रखते हैं। दूसरों के रुपये हड़पने की साजिश रचते हैं। चिंतन और शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है।
डॉक्टर यूसी गर्ग, मनोचिकित्सक
वारदात कम,सामाजिक अपराध बढ़े
● बाह, पिनाहट क्षेत्र में डकैती की दो वारदातें हुई थीं। दोनों में बदमाशों ने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।
● 9 मार्च 2022 की रात बाह के मोहल्ला कल्याण सागर में जूता व्यापारी उमेश पैंगोरिया की पत्नी कुसमा और बेटी सविता की हत्या हुई थी।
● 4 जुलाई की रात पिनाहट के मोहल्ला मार में डकैती के दौरान व्यापारी सुरेश चंद गुप्ता और उनकी पत्नी कृष्णा देवी की हत्या की गई।
हत्या ही नहीं लूट के मामलों में भी ज्यादातर करीबी या अपने मुखबिरी कर रहे हैं। हाल ही में 40 लाख की डकैती पूर्व कर्मचारी ने कराई थी। कारगिल शहीद के घर लूट में पुलिस ने पुत्रवधू को भी जेल भेजा। सामाजिक अपराध बढ़ रहा है। लोगों को रिश्तों की अहमियत समझनी होगी। बचपन से ही सामाजिक मूल्यों पर जोर देने की जरूरत है।
प्रभाकर चौधरी, एसएसपी