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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने करा आगरा यूनिवर्सिटी का निरीक्षण, काले कारनामे दबे रहें, इसलिए विवि प्रशासन ने मीडिया को राज्यपाल के निरीक्षण से रखा दूर

आगरा

आगरा। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार दोपहर डेढ़ बजे डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय पहुंच गई  गेस्ट हाउस में आराम के बाद राज्यपाल ने संस्थानों को बहुत जल्दी-जल्दी निरीक्षण किया। वहीं, बीएएमएस कॉपी व अन्य प्रकरणों को लेकर सवालों से घिरे विवि प्रशासन ने इन निरीक्षणों से मीडिया को दूर रखा।

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 25 सितंबर रविवार दोपहर डेढ़ बजे खंदारी कैंपस पहुंच गईं। वो सीधे खंदारी परिसर स्थित गेस्ट हाउस में गईं। यहां करीब डेढ़ घंटे रुकने के बाद वो तीन बजकर पांच मिनट पर विवि के संस्कृति भवन पहुंची। यहां पर निरीक्षण में राज्यपाल ने चित्रकला प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। छात्रों द्वारा ड्राई फ्रूट की प्रदर्शनी को भी देखा। करीब 25 मिनट के निरीक्षण के बाद वो छलेसर कैंपस के लिए रवाना हो गईं।

विवि प्रशासन ने खंदारी गेस्ट हाउस और संस्कृति भवन में राज्यपाल के निरीक्षण से मीडिया को दूर रखा। संस्कृति भवन के पार्क में पहले मीडिया को बुलाया गया। बाद में अधिकारियों ने सबको अनुमति न होने की बात कहते हुए बाहर कर दिया। माना जा रहा है कि विवि के अधिकारी संस्कृति भवन की कमियां, बीएएमएस कॉपी कांड सहित विवि में अन्य कमियों को लेकर घबराए हुए थे। ऐसे में उन्होंने अपने बचाव के लिए मीडिया को कार्यक्रमों से दूर रखा।

राज्यपाल आनंदीबने पटेल सबसे पहले खंदारी परिसर पहुंची, यहां से वो संस्कृति भवन का निरीक्षण करने पहुंची। इसके बाद वहां से विवि के छलेसर कैंपस जाएंगी। छलेसर कैंपस में वो निरीक्षण करेंगी। छलेसर से वो विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क कैंपस में आएंगी। वहां पर निरीक्षण के बाद वो खंदारी परिसर का निरीक्षण करेंगी। इसके बाद वो विवि के सभी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। बैठक के बाद उनका आगरा में ही विश्राम का कार्यक्रम है। वो विवि के खंदारी परिसर स्थित गेस्ट हाउस में ही रात्रि विश्राम करेंगी।

 

बीएएसमएस कॉपी प्रकरण के बाद निरीक्षण

बीएएमएस कॉपी बदलने के प्रकरण के बाद कुलाधिपति का आगरा विश्वविद्यालय के निरीक्षण को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। अधिकारी और कर्मचारियों में खलबली है। माना जा रहा है कि बीएएमएस कॉपी प्रकरण की गाज अधिकारी या कर्मचारियों पर न गिर जाए। वहीं, संस्कृति भवन में रूसा के बजट से निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैंं। इसको लेकर भी विवि के अधिकारियों और हर कुलपति के चहेते रहने वाले प्रोफेसरों सवालों के घेरे में हैं। अगर राज्यपाल निरीक्षण में इन बातों को अधिकारियों से पूछेंगी तो उनके लिए जवाब देना मुश्किल हो सकता है।

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