ईरान में चल रहे आंदोलन के समर्थन में भारत में भी लड़कियों ने जलाए हिजाब
इस इवेंट की आयोजक एक रिटायर्ड टीचर एम फौसिया ने कहा कि हमने रविवार को दिन भर सेमिनार किया और महसा अमीनी को ट्रिब्यूट दिया। इसके बाद हमने हिजाब जलाकर सिंबोलिक तौर पर विरोध दर्ज कराया है।
ईरान में चल रहे हिजाब प्रोटेस्ट को भारत से भी सपोर्ट मिलने लगा है। केरल के कोझिकोड में महिलाओं के एक ग्रुप ने हिजाब जलाया है। यह महिलाएं केरल उक्तिवड़ी संघम से ताल्लुक रखती हैं। इस इवेंट की आयोजक एक रिटायर्ड टीचर एम फौसिया ने कहा कि हमने रविवार को दिन भर सेमिनार किया और महसा अमीनी को ट्रिब्यूट दिया। इसके बाद हमने हिजाब जलाकर सिंबोलिक तौर पर विरोध दर्ज कराया है। बता दें कि महसा अमीनी को करीब दो महीने पहले तेहरान में हिजाब न पहनने के लिए टॉर्चर किया था। इसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
लगातार हो रहे सेमिनार
फौसिया ने बताया कि बौद्धिक ग्रुपों का महिला वर्ग लगातार इस तरह के सेमिनार और डिबेट आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि 50 से ज्यादा महिलाओं ने इस सेमिनार में हिस्सा लिया और मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। फौसिया ने कहा कि आज के आधुनिक युग में इस तरह के रिवाजों के लिए कोई जगह नहीं है। कोई भी किसी महिला को हिजाब पहनने के लिए फोर्स नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि परंपरावादी और अंधविश्वासी लोग समाज में लगातार हावी हो रहे हैं। फौसिया ने कहा कि हमारा ग्रुप मल्लपुरम में अगले महीने फिर इसी तरह का इवेंट आयोजित करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि केरल में इस तरह का पहला विरोध प्रदर्शन हुआ है। समुदाय के लोगों ने कहा कि हमें सभी धर्मों में गलत परंपराओं का विरोध करना चाहिए।
16 सितंबर को हुई थी महसा की मौत
बता दें कि 22 साल की महसा अमीनी को ईरान में सही ढंग से हिजाब न पहनने के चलते मॉरैलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत 16 सितंबर को मौत हो गई थी। हालांकि ईरान की तरफ से महसा अमीनी की मौत की वजह हार्ट अटैक बताया गया था। वहीं, अमीनी की मौत की वजह टॉर्चर को बताते हुए वहां की गलियों में जमकर विरोध हुआ। इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके चलते कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।