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दिमाग में चिप लगाकर घूमेंगे इंसान, दृष्टिबाधितों को भी मिलेगी रोशनी, तैयार होगी न्यूरालिंक की तकनीक

द स्ट्रीट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने कहा कि कंपनी का पहला लक्ष्य दृष्टि व पैरालिसिस को ठीक करना है। जन्मांध लोगों की आंखों में न्यूरालिंक की सहायता से रोशनी लाई जा सकती है। रीढ़ की हड्डी टूटने से पूरी तरह अक्षम लोगों को फिर हष्ट-पुष्ट बनाने में भी न्यूरालिंक की तकनीक मददगार साबित होगी।

जल्द ही आम इंसान दिमाग में चिप लगाकर घूमेंगे। इस चिप से दृष्टिबाधितों को भी रोशनी मिलेगी। टेस्ला सीईओ एलन मस्क ने दावा किया है कि उनकी कंपनी न्यूरालिंक अगले छह महीने में इन्सानी दिमाग में चिप लगा देगी।


द स्ट्रीट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने कहा कि कंपनी का पहला लक्ष्य दृष्टि व पैरालिसिस को ठीक करना है। जन्मांध लोगों की आंखों में न्यूरालिंक की सहायता से रोशनी लाई जा सकती है। रीढ़ की हड्डी टूटने से पूरी तरह अक्षम लोगों को फिर हष्ट-पुष्ट बनाने में भी न्यूरालिंक की तकनीक मददगार साबित होगी।

स्क ने न्यूरालिंक शो में कहा कि दिमाग में चिप लगाने की दिशा में कंपनी कठिन परिश्रम कर रही है। अधिकांश कागजी कार्य यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को सौंप दिया गया है। इसके बाद मानव में न्यूरालिंक स्थापित करने में सफलता मिल सकती है।

मस्क ने कहा कि इंसान के लिए वर्तमान आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस का मुकाबला करना बहुत जरूरी हो गया है। इसके जोखिमों को कम करने के लिए हमें कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा, लैपटॉप और फोन के साथ इंटरेक्ट करने की लोगों की क्षमता काफी सीमित है।

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