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गरीबों के मसीहा डॉ विजय किशोर बंसल, 25 संस्थाओं के हैं ट्रस्टी

धर्मेंद्र सिंह

आगरा ओल्ड विजय नगर कॉलोनी निवासी डॉ विजय किशोर बंसल की धार्मिक और सामाजिक पहचान अब शहर और जिला ही नहीं बल्कि राज्यों और देश विदेश के महान लोगों में होती है। वहीं समाजसेवा के क्षेत्र में उनकी ख्याति विदेशों तक फैल रही है। चार विदेशी यूनिवर्सिटीज ने उन्हें मानद उपाधि से सुशोभित किया है। हाल ही में दक्षिण कोरिया की बुसान क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी फॉर फॉरेन स्टडीज ने डाक्टर ऑफ सोशल साइंस की मानद उपाधि प्रदान की। वहीं यूनाइटेड नेशन इंटरनेशनल पीस काउंसिल ने सम्मानित किया है। 29 अक्टूबर को तमिलनाड़ु के उटी में होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। अमेरिका की दो प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित कर चुकी हैं। इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एडवाइजरी काउंसिल ने उन्हें ग्रेट वॉरियर की संज्ञा दी। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से जुड़ी ओएमजी संस्था ने सराहना की।
‘कोरोना कर्मवीर’,‘हीरो आफ सोसायटी’ शांति दूत  न जाने कितने नाम लेकिन किसी सीमा में बंधी नहीं है डॉ. विजय किशोर बंसल की पहचान बनी हुई है।
कोरोना काल में जहां एक ओर लोग अपने से बचते दिख रहे थे ऐसे में कोरोना कर्मवीर के रूप में डॉ विजय किशोर बंसल लोगों की सेवा करते हुए एक मिसाल के रूप में सामने आए। 
बता दें कि वर्ष 2020 में जब बेरहम महामारी बनकर कोरोना ने लोगों पर कहर बरपाया तो डा. विजय किशोर बंसल ने एक योद्धा के रूप में कमान संभाली। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को घरों में कैसे रोका जाए इस पर पुलिस के साथ काम किया। सहमति बनी कि घरों में ही खाना उपलब्ध करा दिया जाए तो वे बाहर आएंगे ही नहीं। गलियों, कॉलोनियों, बस्तियों में सर्वे कर सूची बनाई गई। डा. विजय किशोर ने मां कैलादेवी धर्मशाला में हलवाई लगा दिए और दिन रात भोजन तैयार कराया। पुलिस ने इस भोजन के वितरण की जिम्मेदारी उठाई। अकेले दम पर ही 25 लाख से अधिक खाने के पैकेट वितरित कराए। कोरोना वायरस का प्रसार भी रोका। हाल ही में जिला अस्पताल को 1000 से अधिक एंटी रैबीज इंजेक्शन भी उपलब्ध कराए। ऐसे अनगिनत सेवा कार्य हैं जो डा. विजय किशोर बंसल द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन वे पर्दे के पीछे रहकर काम करना पसंद करते हैं।

25 संस्थाओं के हैं ट्रस्टी
वर्तमान में वे 25 संस्थाओं के ट्रस्टी हैं, समाजेवियों में उन्हें सर्वोपरि माना जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि इतनी संस्थाओं से जुड़े होने के बाद भी वे वहीं जाना पसंद करते हैं जहां वास्तव में गरीबों और असहायों की मदद की जा रही हो। कोरोना काल में प्रतिदिन 10500 लोगों के लिए अकेले दम पर भोजन तैयार कराया। व्यवहार से वे बेहद सहज और सरल हैं।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ लंबे समय से जुड़े रहने के कारण डॉ विजय किशोर बंसल की समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता गहरी है। यर सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल की प्रेरणा के बाद, उन्होंने मथुरा में पांच प्राथमिक विद्यालयों की जिम्मेादारी ली। सह सरकार्यवाह कष्ण गोपाल स्वयं इनमें से एक संस्थान के छात्र रहे हैं। डा बंसल के काम संगठन के लोकाचार के बीच संबंध मजबूत हुआ।
अपनी मां केला देवी के प्रति उनका अटूट विश्वास रहा है। अपने माता पिता इंद्र बंसल और गिर्राज बंसल द्वारा शुरू की गई सेवा विरासत, व्यवसाय और परोपकार का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण डा विजय किशोर बंसल के दृष्टिकोण को आकार देने में सहायक थी। उनके बाबा रामबाबू बंसल द्वारा छोड़ी गई सामाजिक और धार्मिक विरासतों को जारी रखना उनके जीवन का मकसद है।

सम्मानों की लंबी लिस्ट

न्यूयार्क सिटी की नसाउ काउंटी से प्रशस्ति-पत्र
मदर टेरेसा ह्यूमैनिटी अवार्ड
फेस राष्ट्रीय गौरव अवार्ड,
आनंद ऑर्गनाइजेशन फॉर सोशल अवार्ड
लिटरोमा कोरोना वॉरियर
लाइव 24 ग्रुप से कोरोना वॉरियर
इंटरनेशनल अचीवर्स काउंसिल एंड पीस यूनिवर्सिटी अचीवर्स एक्सीलेंसी अवॉर्ड
फेस ग्रुप को भारत रत्न अवार्ड
अमर उजाला से कोरोना कर्मवीर सम्मान
नव्य सृजन से हीरो ऑफ द सोसायटी
जर्मनी की संस्था से संबद्ध इंटरनेशनल पीस यूनिवर्सिटी से डाक्टर ऑफ लेटर
इंटरनेशनल यूनिसेफ काउंसिल से यूनिसेफ अवॉर्ड
डा. अब्दुल कलाम अवॉर्ड
लॉयर्स विजन से कोरोना योद्धा सम्मान
फ्रेंड्स ऑफ गुड हेल्थ से इंटरनेशनल अम्बेसडर ऑफ ह्यूमैनिटी
इंटरनेशनल ह्यूमैन राइट्स से ग्रेट वॉरियर ऑफ ह्यूमैनिटी
द अमेरिकन किंग्स यूनिवर्सिटी से डाक्टर ऑफ लेटर

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