
प्रयागराज महाकुंभ में मानवता और वसुधैव कुटुंबकम् की भावभूमि है। भारत की इस विरासत और धरोहर का यहां प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है। सामाजिक समरसता भारत की विशेषता रही है। हमारी संस्कृति का आचरण सद्भाव पर आधारित है। इस भावभूमि पर किसी अन्य पंथ के प्रति नफरत,कट्टरता या आतंक का विचार स्वतः समाप्त हो जाता है। तब वसुधैव कुटुंबकम व सर्वे भवन्तु सुखिनः का भाव ही जागृत होता है। नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में अमृत स्नान से यही संदेश दिया। नरेंद्र मोदी तेरह दिसंबर को प्रयागराज आए थे।यहां उन्होंने पचपन सौ करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात दी थी। इस बार नरेंद्र मोदी का अमृत स्नान विशेष संयोग में हुआ। इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है और बुधवार को भीष्माष्टमी भी थी। गुप्त नवरात्रि पर जहां देवी पूजन किया जाता है।