आयुष मंत्री को राज्य सूचना आयुक्त ने भेंट की अपनी पुस्तक शुक्रनीति में राजनीति

लखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’,से मुलाकात की। इस अवसर पर सूचना आयुक्त ने अपनी पुस्तक शुक्रनीति में राजनीति उनको भेंट की। इस पुस्तक में भारतीय ज्ञान परम्परा के व्यापक आयाम को रेखांकित किया गया है। हमारे मनीषियों ने राज्य और राजनीति से संबंधित विषयों को भी धार्मिक आधार पर निरूपित किया था। इसका कारण यह था कि समाज में आदर्श व्यवस्था को स्थापित करना चाहते थे। इसलिए पाश्चात्य सभ्यता और सभ्यता के पक्षकारों को इसमें राजनीतिक चिंतन का अभाव दिखाई देता है। भोगवादी संस्कृति के अनुयाई भारतीय चिंतन की व्यापकता को समझ भी नहीं सकते। राज्य व्यवस्था अमर्यादित दोहन के लिए नहीं है। इसी प्रकार राजनीति केवल भौतिक उपलब्धियों के लिए नहीं है। हमारे यह मानव के समग्र विकास को महत्व दिया गया। इस विकास को नीति और न्याय संगत बनाने पर भारतीय मनीषियों ने बल दिया। शुक्रनीति इसी का प्रमाण है। इसमें श्रेष्ठ राजनीतिक चिंतन है। राज्य व्यवस्था का सुदृढ़ विचार है। शुक्रीनीति में राजनीति और राजव्यवस्था को धर्म पर आधारित किया गया। इसमें उपासना पद्धति को महत्व नहीं दिया गया। शुक्राचार्य शासन और जनता को धर्म की ओर लें जाना श्रेयस्कर मानते है।नीति का निहितार्थ ही प्रज्ञा को धर्म की ओर ले जाना है।